लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक राजधानी नोएडा में पुलिस कमिश्नर तैनात होने के बाद अब एसएसपी के पद का चेप्टर समाप्त हो गया। ये पद अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। एक ओर जहां आजादी के बाद लखनऊ के पहले एसएसपी जे.एच.आर. डेविड को बनाए गए थे तो कलानिधि नैथानी लखनऊ के आखिरी एसएसपी का ठप्पा लगा।
आजादी के बाद 15 अगस्त 1947 को जे.एच.आर. डेविड को लखनऊ का पहला एसएसपी बनाया गया था लेकिन उनको मात्र दो महीना पांच दिन बाद ही हटा दिया गया। उनके स्थान पर जेपी त्रिपाठी को तैनात किया गया लकिन वह भी वह मात्र पांच महीने ही टिक पाये। इसके बाद तीसरे नंबर एसएन आगा को एसएसपी बनाया गया तो वह सवा चार साल तक इस पद पर जमे रहे।
इसके विपरीत कलानिधि नैथानी लखनऊ के आखिरी पुलिस कप्तान साबित हुए। उनको मौजूदा सरकार ने 8 जुलाई 2018 एसएसपी के पद पर तैनात किया था। अभी इसी सप्ताह उनको गाजियाबाद का एसएसपी बनाया गया है। वह तकरीबन ढाई साल इस पद पर रहे। उनसे पहले दीपक कुमार इस पद रहे।
जहां तक कौन सा अधिकारी सबसे अधिक बार लखनऊ एसएसपी रहा तो इसमें बाजी ओपी सिंह ने मारी। वे लखनऊ के तीन बार एसएसपी रहे। हालांकि इसमें एक बार उनका कार्यकाल मात्र एक दिन का ही रहा। इसके अलावा रजनीकांत मिश्रा, सुबेश कुमार सिंह और आशुतोष पाण्डेय दो-दो बार लखनऊ के एसएसपी रहे। रजनीकांत मिश्रा कुछ माह पूर्व डीजी बीएसएफ के पद से सेवानिवृत हुए। सुबेश कुमार सिंह भी सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन वर्तमान समय में वह सूचना आयुक्त के पद पर तैनात हैं। इसके अलावा आशुतोष पाण्डेय एडीजी अभियोजन के पद पर तैनात हैं।





