विशेष संवाददाता लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मुख्यमंत्री कमांड सेंटर तथा सीएम डैश बोर्ड का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अनन्त सम्भावनाओं का प्रदेश है। इन सम्भावनाओं को जमीनी धरातल पर उतारने तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुरूप राज्य को देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनाने की दृष्टि से डाटा कलेक्शन आज की आवश्यकता है। सीएम डैश बोर्ड के माध्यम से प्रदेश को विकास के नये विजन के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। यह एक युगान्तरकारी घटना है।
मुख्यमंत्री ने लाल बहादुर शास्त्री भवन में स्थापित बटन दबाकर सीएम डैश बोर्ड का शुभारम्भ करते हुए कहा कि पहले विभिन्न विभागों के कार्यों तथा उनकी प्रगति के सम्बन्ध में डाटा कलेक्शन न होने के कारण प्रदेश में हुए विकास कार्यां की सही जानकारी नहीं हो पा रही थी। वर्तमान सरकार ने इस सम्बन्ध में सही डाटा कैप्चर करने की शुरूआत की। जिससे प्रदेश की सही और अच्छी स्थिति सामने आयी। नीति आयोग ने इसकी प्रशंसा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी स्थापना के पीछे डाटा कैप्चर करना तथा उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अग्रसर करने के लिए शुरू हुए प्रयासों में गति लाना है। अब हम जनपद की हर एक गतिविधि को मॉनीटर कर सकते हैं। तकनीक आज बहुत तेज हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के 112 आकांक्षात्मक जनपदों में उत्तर प्रदेश के 8 जनपद प्रगति में सबसे नीचे थे। प्रदेश सरकार ने नीति आयोग के पैरामीटर के अनुसार जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से कार्य करते हुए डाटा कैप्चर किये। परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश के 6 आकांक्षात्मक जनपद अच्छा प्रदर्शन करने वाले देश के टॉप-10 जनपदों में शामिल हुए। टॉप-20 जनपदां में उत्तर प्रदेश के सभी 8 जनपद शामिल हुए। इस दिशा में उत्तर प्रदेश ने लम्बी छलांग लगायी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश विगत 6 वर्षों में बीमारू राज्य की छवि से उभरा है। प्रदेश के बारे में लोगों की धारणा बदली है। अपने पुरुषार्थ पर विश्वास कर तथा उसे परिश्रम से जोड़कर ही हम अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़े हो सकते हैं।
देश में 500 विकास खण्डों को आकांक्षात्मक विकास खण्ड के रूप में चयनित कर उनके विकास का अभिनव कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश के 100 विकास खण्डों की प्रगति सबसे अच्छी है। कहा कि उत्तर प्रदेश देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने की ओर आगे बढ़ रहा है। इस दृष्टि से प्रदेश के 53 विभागों को सीएम डैश बोर्ड से जोड़ा गया है। प्रदेश के सभी 93 विभागों को चरणबद्ध रूप से डैश बोर्ड से जोड़ा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि डाटा में किसी भी प्रकार की हेरा-फेरी नहीं होनी चाहिए। हमें एक स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाना है। मुख्य सचिव की ओर से इनकी पाक्षिक समीक्षा तथा मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रतिमाह समीक्षा की जाएगी। इसी से जनपदों तथा फील्ड में तैनात अधिकारियों की ग्रेडिंग भी तय हो जाती है। इससे यह भी पता चल जाता है कि किस क्षेत्र में मेहनत करने की आवश्यकता है। यदि शिकायत सही है, तो उसे अनावश्यक न लटकाया जाए, बल्कि उनका समयबद्ध निस्तारण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश संगठित अपराध के लिए कुख्यात था। आज प्रदेश में संगठित अपराध नहीं है, लेकिन पारिवारिक विवाद होते हैं। इनमें जमीन से सम्बन्धित विवाद ज्यादा होते हैं।
राजस्व विभाग की टीम को सक्रिय करके ईमानदारी और शुचितापूर्ण तरीके से इनके समाधान का रास्ता हमें निकालना होगा। प्रत्येक तहसील, थानें तथा विकासखण्ड में शिकायतकर्ता का रजिस्टर तैयार होना चाहिए। उसमें शिकायत के आधार का उल्लेख होना चाहिए। पीड़ित को बार-बार कार्यालय आने की नौबत नहीं होनी चाहिए। जोन, मण्डल तथा जनपद के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि वे स्वयं तथा उनके अधीनस्थ अधिकारी नियमित रूप से प्रतिदिन एक घण्टा जनता की समस्याओं की सुनवाई के लिए नियत करें। इसकी जानकारी प्रेस को दी जाए। मेरिट के आधार पर उनकी समस्या का समाधान करें। मण्डलायुक्त तथा जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि फील्ड में तैनात प्रत्येक अधिकारी अपने तैनाती स्थल पर ही निवास करें, तभी हम विकास कार्यां को गति दे सकते हैं। लोगों की अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उनके पास आने की स्थिति नहीं बनने देनी चाहिए।
कहा कि जब हम किसी घटना को नजरअंदाज करते हैं, तो वह हमारी कमजोरी बन जाती है। टालने की आदत समस्या को जन्म देती है, इससे बचना होगा। जन सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करके तथा कानून को बन्धक बनाकर कोई आयोजन नहीं होना चाहिए, सभी आयोजन कानून के दायरे में ही होने चाहिए। इस सम्बन्ध में रेग्यूलेशन बनाना तथा उसे प्रभावी ढंग से लागू करना प्रशासन का कार्य है। महिला सुरक्षा के विरुद्ध कार्य करने वाले व्यक्तियों के साथ सख्ती से निपटना चाहिए। पॉक्सो तथा महिलाओं से जुड़े अपराधों के सम्बन्ध में जिला मॉनीटरिंग की बैठक नियमित रूप से होनी चाहिए। सचिव, प्रमुख सचिव तथा जनपद के अधिकारियों से समयबद्ध तरीके से सही डाटा सीएम डैशबोर्ड पर उपलब्ध कराने की अपेक्षा करते हुए कहा कि इससे जनपद की सही ग्रेडिंग हो सकेगी।
मुख्यमंत्री जी ने मेरठ में आरआरटीएस परियोजना, कानपुर में मेट्रो परियोजना, प्रयागराज में उच्च न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था तथा चित्रकूट में जल जीवन मिशन की प्रगति के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की तथा उन्हें आवश्यक निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि मेरठ में आरआरटीएस परियोजना देश की पहली ऐसी परियोजना है। यह ईज आॅफ डूइंग बिजनेस का भी हिस्सा है। इस परियोजना को सुरक्षा के मानकों का ध्यान रखते हुए समय पर पूरा किया जाए। न्यायिक अधिकारियों तथा बार एसोसिएशन के सदस्यों को विश्वास में लेकर कार्य करें। प्रदेश में स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन हो चुका है, वर्तमान में इसकी छह बटालियन कार्यशील हैं।
यह लोक भवन तथा एयरपोर्ट को सुरक्षा दे रही हैं। उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए भी स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के विस्तारीकरण की कार्यवाही की जाए। जल संरक्षण के लिए तीन वर्ष पूर्व रूफटॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का चित्रकूट मॉडल प्रारम्भ किया गया था। जिन कुंओं अथवा हैण्डपम्पों से पानी निकलना बंद हो गया है, उनका उपयोग रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए किया जा सकता है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सरफेस वॉटर की कमी नहीं है, उसका उचित नियोजन आवश्यक है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में हर घर में शुद्ध पाइप्ड पेयजल पहुंचाने के लिए समयबद्ध रूप से कार्य किए जाएं, पाइप बिछाने के लिए जिन सड़कों को खोदा जाए, उनके रखरखाव की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था पर है।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र तथा अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल भी मौजूद रहे। इस अवसर पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नगर विकास मंत्री एके शर्मा, पुलिस महानिदेशक विजय कुमार, सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर, अपर निदेशक सूचना अंशुमान राम त्रिपाठी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।