खतरे की दस्तक

अभी कुछ दिन पहले की बात है जब राजस्थान में कौओ के मरने की घटना सामने आयी थी और यह आशंका जतायी गयी थी कि बर्ड फ्लू हो सकता है। बर्ड फ्लू पूर्व में भी दो-तीन बार आ चुका है लेकिन देश के किसी एक-दो जगहों पर ही मामले रिपोर्ट किये जाते थे और कुछ दिन में इसका खतरा टल जाता था, लेकिन जिस तरह से देखते ही देखते दस-बारह राज्यों में पक्षियों के मरने की घटनाएं हो रही हैं।

कहीं कौओं की मौत हो रही है, कहीं मुर्गियों में संक्रमण पाया गया, कहीं बत्तख मर रहे हैं तो कहीं चिड़िया घर में रहने वाले जानवरों तक पहुंच गया है, इससे स्पष्ट है कि इस बार खतरा बहुत बड़ा है और अगर सावधानी पूर्वक बचाव के उपाय न किये गये तो देश को एक और वायरस जनित बीमारी से जूझना पड़ सकता है। दरअसल इस बार खतरा इसलिए भी बड़ा है क्योंकि काफी हद तक बर्ड फ्लू फैल चुका है।

पूर्व में जब भी बर्ड फ्लू का संकट सामने आया है तो एक-दो राज्यों में दो-चार जगहों पर ही इसके वायरस की पुष्टि हुई थी, लेकिन इस बार सात राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है और कई राज्या में मृत पक्षियों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। संभव है यहां भी बर्ड फ्लू का वायरस सामने आये। जिन सात राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है उनमें उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थन, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश गुजरात, हरियाणा शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश के कानपुर में बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि हुई है, लेकिन कई अन्य जगहों पर भी पक्षियों के मरने की घटनाएं हो रही हैं। इसलिए ऐसी आशंका है कि कहीं यहां भी यह वायरस फैल सकता है। बहरहाल जैसे-जैसे सैंपल की जांच हो रही है उसी गति से बड़ा खतरा भी सामने आ रहा हे। प्रदेश सरकार को बर्ड फ्लू रोकने के लिए जांच की पर्याप्त सुविधाएं विकसित करने के साथ ही कुछ समय के लिए पक्षियों के मांस खाने विशेषकर मुर्गों के मांस खाने पर रोक लगा देनी चाहिए। वैसे बहुत से लोग सतर्क हो गये हैं लेकिन फिर भी ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा रहती है जो सस्ते में मिल रहे चिकेन का लाभ उठाने के लिए चिकेन एवं अण्डा खाने का क्रम बढ़ा देते हैं।

बर्ड फ्लू एविएन इंफ्लूंजा वायरस एच5एन1 से फैलता है और मनुष्य में यह पक्षियों के संपर्क में आने या उनका मांस खाने से फैलता है, लेकिन यह मनुष्य से मनुष्य में भी फैलता है और इसके लक्षण भी दूसरे अन्य फ्लू की तरह होते हैं। बर्ड फ्लू शरीर में तेजी से फैलता है और दो-तीन में ही यह बीमारी जानलेवा हो जाती है। इसलिए किसी भी तरह की लापरवाही बहुत घातक हो सकती है।

प्रदेश सरकार को पक्षियों के मरने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए जहां भी ऐसी घटना सामने आये वहां आसपास के क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा देनी चाहिए और लोगों को मुर्गा या अन्य पक्षी का मांस खाने से बचना चाहिए। अगर कोई मांस का प्रयोग करता भी है तो भी कच्चा मांस या कच्चे अंडे का सेवन कदापि न करें। एवियन एन्फ्लुएंजा से बर्ड फ्लू फैलता है। कफ, खांसी, डायरिया, बुखार, सिर दर्द, सांस से जुड़ी तकलीफ, गले में खराश इसके प्रमुख लक्षण हैं। यह लक्षण पाये जाने पर तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए।

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