नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उद्योगों और शैक्षणिक संस्थाओं को साथ जोड़ते हुए पाठ्यक्रम तैयार करने की संकल्पना की गई है ताकि छात्रों की प्रतिभा का उद्योगों की जरूरतों के लिए उपयोग हो सके।
आल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए निशंक ने कहा कि पहले उद्योगों का इंजीनियरिंग कालेजों आदि से उतना संबंध नहीं देखा जाता था। उद्योगों को क्या चाहिए, यह संस्थान को पता नहीं होता था और संस्थानों से जुड़े विषयों की उद्योगों को जानकारी नहीं होती थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमने इस खाई को पाटने का काम किया है। हम उद्योगों एवं इन प्रौद्योगिकी से जुड़ी शैक्षणिक संस्थानों को साथ जोड़ते हुए इसके आधार पर पाठ्यक्रम तैयार करेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि नई नीति के तहत छठी कक्षा से ही व्यवसायिक शिक्षा के साथ इंटर्नशिप को जोड़ रहे हैं ताकि स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद छात्र कौशल सम्पन्न बन सकें।
निशंक ने डिजिटल माध्यम से अपने संबोधन में कहा, हमारा प्रयास अकादमिक कार्याे को शिक्षणेत्तर गतिविधियों एवं व्यवसायिक शिक्षा के साथ जोडऩे पर है। नई शिक्षा नीति के तहत हम छठी कक्षा से ही व्यवसायिक शिक्षा को इंटर्नशिप से जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा देश है और नए भारत के निर्माण में युवाओं खासकर प्रबंधन से जुड़े युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान होगा।