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महिलाओं के प्रति बढ़ रहे हैं अपराध, ऐसे में बढ़ता है समाज का दायित्व : आनंदीबेन पटेल

  • महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनना होगा

  • ऐसे लोगों को पुलिस चिन्हित कर, अपराध करने से पहले ही रोके

  • राज्यपाल ने किया मिशन शक्ति अभियान का शुभारम्भ

  • 100 पिंक पेट्रोल स्कूटी व 10 महिला पुलिस वाहनों को झंडी दिखाकर किया रवाना

लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को शनिवार को मिशन शक्ति का शुभारम्भ करते हुए और नवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए महिला पुलिस कर्मी का दस्ता पूरे शहर में भ्रमण करेगा, इससे सुरक्षा की भावना एवं गौरव का बोध होता है। सेफ सिटी परियोजना 180 दिन चलने वाला अभियान है जिसके तहत पुलिस सहित सभी विभाग केंद्रीयकृत होकर महिला हितों के लिये काम करेंगे। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार का महिलाओं के लिये चलायी जा रही योजनाओं का अभिनन्दन करते हुए कहा कि हमें देखना होगा कि इन योजनाओं का लाभ महिलाओं को मिले।

राज्यपाल ने मिशन शक्ति का आगाज़ राजभवन से सेफ सिटी परियोजना का शुभारम्भ करते हुए 100 पिंक पेट्रोल स्कूटी एवं 10 चार पहिया महिला पुलिस वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया। निर्भया फण्ड से अनुदानित ‘सेफ सिटी परियोजना’ के लिए चयनित देश के 8 महानगरों में लखनऊ भी सम्मिलित है।

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं। ऐसे में समाज का दायित्व बढ़ जाता है। महिलाओं के लिये संचालित योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होगा तो वे अपना महत्व खो देंगी। महिलाएं जब तक सामाजिक और आर्थिक रूप से दूसरों पर निर्भर रहेंगी तब तक उनका उत्पीड़न होता रहेगा। महिलाओं को सशक्त बनना होगा।

राज्यपाल ने कहा कि समाज में अपराधी और विकृत प्रवृत्ति के भी लोग हैं जिन्हें अपराध करने में संतोष मिलता है। छात्राओं को स्कूल जाते समय परेशान किया जाता है। ऐसे लोगों के कारण महिलाएं परिवार में भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों को चिन्हित कर अपराध करने से पहले ही रोके।

राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारियां ही नहीं होती है। महिलाओं को अपने क्षेत्र के थानों एवं स्थानीय अधिकारियों का भी पता नहीं होता है। जब महिलाएं एवं बेटियां पुलिस और थाने से डरेंगी तो सुरक्षा की भावना कैसे विकसित होगी। पुलिस एवं अन्य विभाग के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर महिलाओं, विद्यालय की छात्राओं एवं शिक्षिकाओं और स्वयं सेवी महिला सगठनों से मिलकर महिलाओं के कल्याणार्थ चलायी जा रही योजनाओं और उनके अधिकारों की जानकारी देनी चाहिए, तब सकारात्मक परिणाम सामने आयेंगे। यह समाज के सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सभी को महिलाओं की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति पर चर्चा करनी चाहिए।

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों का दायित्व केवल प्रवेश, शिक्षण, परीक्षा एवं परिणाम तक सीमित नहीं होना चाहिए। बेटियों सुरक्षित हैं कि नहीं, उन्हें अधिकारों की जानकारी है या नहीं, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। छात्राओं को उनके स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा, पोषण, आत्मनिर्भरता, विवाह के बाद खुद और परिवार के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्राओं एवं बच्चों को थानों में भी बुलाया जाये और उन्हें ज़रूरी जानकारियों और विषम परिस्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाये।

राज्यपाल ने कहा कि पुलिस विभाग के सभी स्तर के अधिकारियों का समय-समय पर प्रशिक्षण होना चाहिए। अद्यतन ज्ञान और कुशलता से पूर्ण होने पर ही वांछित परिणाम मिलेंगे। प्रदेश को अपराध एवं भयमुक्त करने के लिये जो लक्ष्य आपने निर्धारित किये हैं वह प्राप्त करने होंगे। आपके क्षेत्र में कोई घटना न हो, ऐसा संकल्प हर पुलिसकर्मी को लेना होगा। उन्होंने कहा कि साधनों का सदुपयोग समाज और जनता के हित में करना चाहिए।

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