नई दिल्ली। विवाह के लिए पुरुषों व महिलाओं की न्यूनतम उम्र एक समान करने संबंधी राजस्थान व दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित किए जाने की मांग पर मंगलवार को केंद्र से जवाब तलब किया गया। यह याचिकाएं इसलिए दायर की गई हैं कि मुकदमेबाजी और परस्पर विरोधी विचारों से बचा जा सके।
प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने वरिष्ठ वकील गीता लुथरा के प्रतिवेदन पर संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया था कि इसी तरह की दो याचिकाएं दो उच्च न्यायालय में लंबित हैं और उन्हें इस मुद्दे पर एक आधिकारिक आदेश के लिए शीर्ष अदालत में स्थानांतरित किया जा सकता है। गीता लूथरा यहां वकील एवं भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की ओर से पेश हुईं। उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा, नोटिस जारी करें। न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यम भी पीठ का हिस्सा थे।