-शिक्षकों के ई-कंटेंट की गुणवत्ता परखने के बाद लविवि वेबसाइट पर होगा अपलोड
लखनऊ। गत कुछ महीनों में कोविड-19 के खतरे से लड़ने के लिए और अपने विद्यार्थियों की शिक्षा दीक्षा पर पड़ते कोरोना के असर को कम करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने कई नवोन्मेषी कदम बढ़ाए हैं। विश्वविद्यालय के 49 विभागों ने अब तक अपने अपने यू-ट्यूब के चैनल बना लिए हैं, जिनमे 250 से ज्यादा विडियो व्याख्यान मौजूद हैं। ये व्याख्यान विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने तैयार किये हैं।
न केवल ये, बल्कि विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर कला, वाणिज्य, शिक्षण, अभियांत्रिकी, विधि और विज्ञान संकाय के विभिन्न शिक्षकों द्वारा निर्मित 1612 अलग-अलग प्रकार के (जैसे वर्ड फाइल, पीडीएफ, ऑडियो अथवा विडियो व्याख्यान, पीपीटी, आदि) ई-कंटेंट भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा शिक्षक ऑनलाइन कक्षाएं भी पढ़ा रहे हैं और अब तक लगभग 558 ऐसी कक्षाएं पढ़ाई जा चुकी हैं। आॅनलाइन कक्षाओं का टाइम टेबल भी जारी किया जा चुका है।
विश्वविद्यालय अपने सम्बद्ध महाविद्यालयों को भी आॅनलाइन क्लास लेने और अच्छा ई-कंटेंट बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। प्राचार्यों के साथ हुई एक बैठक में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने विश्वविद्यालय के वेब-पटल का उपयोग महाविद्यालयों को भी करने का सुझाव दिया और कहा कि वे अपने अध्यापकों को ई-कंटेंट बनाने की प्रेरणा दे, यह ई-कंटेंट विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागाध्यक्षों तक पहुंचाए, जो उनकी गुणवत्ता का मूल्यांकन कर विश्वविद्यालय वेबसाइट पर अपलोड करेंगे।
लविवि का टैगोर लाइब्रेरी ज्ञान का भंडार
लखनऊ विश्वविद्यालय के पास टैगोर लाइब्रेरी नामक एक बहुत समृद्ध केंद्रीय पुस्तकालय है। इसकी एक शाखा साइबर लाइब्रेरी है, जिसमें आठ हजार दो सौ इकहत्तर (8271) आॅनलाइन इलेक्ट्रॉनिक जर्नल और डेटाबेस इनफ्लिबनेट और ई-सोद्धसिन्धु कार्यक्रम के माध्यम से उपलब्ध हैं, नौ हजार दो सौ तिहत्तर (9273) ई-पुस्तक उपलब्ध हैं, और सीडी/डीवीडी के रूप में आठ हजार छह सौ अट्ठाईस (8,628 +) ई-पुस्तकें भी उपलब्ध हैं। यह सब ऑनलाइन ज्ञान न केवल हमारे पूरे विद्यार्थी और शिक्षक परिवार के लिए खुला है, बल्कि दुनिया के किसी भी शोधकर्ता या ज्ञान साधक के लिए खुला रहेगा।