नयी दिल्ली। राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज में मंत्रालय के दखल की आईओए की शिकायत के बाद तनाव कम करने की कवायद में खेलमंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कहा कि संस्थागत तालमेल के रास्ते में व्यक्तियों का अवांछित आचरण बाधा नहीं बनना चाहिये।
रिजिजू ने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने मीडिया रिपोर्ट उनकी जानकारी में लाई है जिसमें कुछ राष्ट्रीय खेल महासंघों ने चिंता जताई है कि मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण उनके कामकाज पर नियंत्रण की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा , सभी संबंधित पक्षों के बीच हर स्तर पर नियमित मशविरा और चर्चा जरूरी है लेकिन किसी भी परिस्थिति में व्यक्तियों के अवांछित आचरण से आपसी तालमेल और यह भावना बाधित नहीं होना चाहिये। खेल सचिव राधेश्याम जुलानिया ने एनएसएफ के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि दखल के आरोप लगाने से पहले उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही सुविधायें छोड़ देनी चाहिये। रिजिजू ने कहा , किसी खास हालात में किसी व्यक्ति द्वारा दिया गया बयान नीतिगत मसला नहीं मानना चाहिये।
हम भारत को खेल महाशक्ति बनाने के लिये मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं। इस मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया जब बत्रा ने साइ की टाप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) के सीईओ राजेश राजागोपालन पर महासंघों के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया। रीजीजू ने हालांकि कहा कि सरकार का राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज में दखल देने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा , राष्ट्रीय खेल महासंघों की कामकाज की स्वायत्ता हर हालत में बरकरार रखनी होगी।
महासंघों में राष्ट्रीय खेल संहिता का पालन और अच्छा प्रशासन उसके कामकाज में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आधारशिला हैं। उन्होंने कहा , सरकार का काम महासंघों को खेल के प्रचार और प्रसार के लिये जरूरी सहयोग देना और यह सुनिश्चित करना है कि खिलाडियों के हितों पर आंच नहीं आये। रिजिजू ने कहा कि आईओए, मंत्रालय और राष्ट्रीय खेल महासंघों का साझा लक्ष्य देश में खेलों के ढांचे को बेहतर बनाकर भारत को खेल महाशक्ति बनाना है।
उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय, आईओए और एनएसएफ देश में खेलों के समग्र ढांचे को बेहतर बनाने के लिये काम कर रहे हैं। इसमें फोकस प्रतिभाओं को जमीनी स्तर पर तलाशने और उन्हें बेहतर प्रशिक्षण देने पर फोकस रहना चाहिये।उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिये और इसके लिये सबके बीच बेहतर तालमेल होना चाहिये।





