लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को कांग्रेस और भाजपा पर कठिन समय के दौरान प्रवासी मज़दूरों के नाम पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक तरफ देश में लगातार कोरोना लाॅकडाउन 4.0 के कारण गरीबी, बेरोजगारी व भुखमरी की भीषण समस्या से बेहाल व परेशान लाखों प्रवासी श्रमिक परिवारों की जैसे-तैसे घर वापसी की समस्या सरकारों की उपेक्षा व अपरिपक्वता के कारण कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।
मायावती ने कहा कि तो दूसरी तरफ खासकर भाजपा और कांग्रेस व उनकी सरकारों द्वारा आपसी खींचतान, टकराव व मुकदमेबाजी आदि ने मामले को और भी ज्यादा गंभीर त्रस्त बना दिया है, जो अति-निन्दनीय है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि पिछले कई दिनों से प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के नाम पर खासकर भाजपा और कांग्रेस द्वारा जिस प्रकार से घिनौनी राजनीति की जा रही है यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण व शर्मनाक है।
बसपा मुखिया ने कहा कि ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि कहीं ऐसा तो नहीं ये दोनों पार्टियां आपसी मिलीभगत से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करके प्रवासी सी मजदूरों की त्रास्दी पर से ध्यान बांट रही हैं? अगर ऐसा नहीें है तो बसपा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही घर भेजने में मदद करने पर अड़ने की बजाए, इनका टिकट लेकर ट्रेनों से ही इन्हें इनके घर भेजने में इनकी मदद करनी चाहिये तो यह ज्यादा उचित व सही होगा। क्योंकि इस महासंकट के समय में पीड़ित लोगों की हर संभव मानवीय मदद करने की बजाए उनसे इनके घर जाने के लिए भी किराए के पैसे वसूला जा रहा है, जो असंवेदनशीलता व अमानवीयता की पराकाष्ठा ही कही जाएगी।
मायावती ने कहा कि पूरा देश कह रहा है कि इन पीड़ितों के लिए भोजन व आर्थिक मदद की जाए लेकिन केन्द्र व राज्य सरकारें हैं कि इन्हें इनके घर जाने तक की मुफत व्यवस्था नहीं कर रही है। क्या इन्हें कल्याणकारी सरकार कहा जाएगा? उन्होंने ने कहा कि इन्हीं सब बातों को खास ध्यान में रखकर ही बसपा के लोगों से अपने-अपने क्षमता के हिसाब से प्रचार व प्रसार के चक्कर में ना पड़कर बल्कि पूरे देश में इनकी हर स्तर पर सौम्य तरीके से काफी मदद की है।
भाजपा व कांग्रेस की तरह इनकी मदद की आड़ में कोई घिनौनी राजनीति नहीं की है। साथ ही, बसपा की कांग्रेस को यह भी सलाह है कि यदि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही उनके घर वापसी में मदद करनी है मतलब ट्रेनों से नहीं करनी है तो फिर इनको अपनी ये सभी बसें कांग्रेस-शासित राज्यों में श्रमिकों की मदद में लगा देनी चाहिये तो यह बेहतर होगा।