सेनापति की हुंकार

नव नियुक्त सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पदभार संभालने के बाद जो कुछ कहा है वह करोड़ों देश वासियों को आश्वस्त करता है। सबसे पहले तो यह कि आतंकवाद को लेकर सेना की एक खास रणनीति है और उसी रणनीति के अनुसार सेना काम करती है। सेना के सामने देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और अगर सीमा पार से भी हमारी सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होता है, तो सेना उसे नष्ट कर देगी।

जनरल नरवणे के बयान से एक बात स्पष्ट है कि अब सीमा पर पाकिस्तान किसी भी तरह का मिस एडवेंचर करता है, तो बदला हुआ भारत और उसकी चौकस सेना, मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। हाल के वर्षों में भारतीय सेना ने अपनी इस रणनीति का कई मौकों पर परिचय भी दिया है। दरअसल पाकिस्तान, आईएसआई, आतंकी और उसकी सेना इस बात को लेकर घोर आश्वस्त हो चुके थे कि भारत में घुसकर या फिर सीमा पर कोई भी मनमानी हरकत, हिंसा, आतंकवाद या आत्मघाती हमले करते रहो, भारत कुछ करेगा नहीं। ऐसा होता भी था। जब भी पाकिस्तान में बैठे आतंकी आईएसआई के साथ मिलकर भारत पर हमले करते थे, तो पहले भारत की तरफ से इसकी निंदा होती थी, फिर बर्दाश्त न करने का प्रण दोहराया जाता था और जब धीरे-धीरे मामला शांत हो जाता था तो पाकिस्तान के साथ दोस्ती की पीेंगे बढ़ायी जाती थीं। ऐसा बार-बार किया गया।

कारगिल के बाद मुशर्रफ का देश में स्वागत हुआ, मुम्बई के बाद जरदारी का स्वागत हुआ। नवाज शरीफ को मोदी के शपथ ग्रहण में आमंत्रित कर दोस्ती का हाथ बढ़ाया गया, तो बदले में पठानकोट मिला। यह दरअसल भारत की एक अघोषित नीति बन गयी थी कि वह अपने ऊपर होने वाले हमलों का बदला नहीं लेगा। लेकिन 2014 के बाद पाकिस्तन और चीन के साथ रणनीति और रिश्तों में बदलाव आया है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पठानकोट आतंकी हमला हुआ। सरकार ने इसका जवाब देने के बजाय पाकिस्तान को जांच कर दोषियों को दंडित करने का मौका दिया, लेकिन पाकिस्तान दोषियों को दंडित करने के बजाय उरी कर बैठा।

इसके बाद भारत ने बदला लेने का फैसला किया और आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया। पाकिस्तानी आतंकियों ने पुलवामा का दुस्साहस किया तो लगभग ऐलानिया अंदाज में एयर स्ट्राइक किया गया। इसमें बड़ी संख्या में आतंकी मारे गये। इसके बाद जब-जब पाकिस्तान सीमा पर सीज फायर तोड़ने, गोलीबारी करने जैसी हरकतें करता है, तो भारत की तरफ से दस गुना तीव्रता से प्रतिकार किया जाता है। इस आक्रामक रणनीति का असर पाकिस्तान पर स्पष्ट दिखायी देता है। भारत से कश्मीर हड़पने की साजिशें करने वाला पाकिस्तान अब पीओके और ब्लूचिस्तान बचाने के लिए जूझ रहा है। यहां तक कि चीन भी अब भारत से काफी सतर्क हो गया है।

पहले बार-बार चीन पर घुसपैठ करने के साथ भारत के विकास कार्यों को रोक देता था, लेकिन डोकलाम के बाद चीनी घुसपैठ कम हुई है और विकास में बाधा डालना तो पूरी तरह बंद ही कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सेना की आक्रामक रणनीति के कारण ही यह सब संभव हुआ है। इसलिए अगर नवनियुक्त जनरल नरवणे आतंकी खतरों को चुनौती मानते हुए जरूरत पड़ने पर सीमा पार एक्शन की बात करते हैं तो यह सेना की स्पष्ट और ठोस रणनीति का हिस्सा है और यह उचित भी है।

RELATED ARTICLES

विकट संकष्टी चतुर्थी कल, बप्पा की होगी पूजा

गणेश जी की पूजा करने से मानसिक तनाव दूर होता हैलखनऊ। विकट संकष्टी चतुर्थी हर साल वैशाख महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि...

हे दु:ख भंजन मारुति नंदन सुन लो मेरी पुकार…

हनुमान जन्मोत्सव शहर भर में श्रद्धा व सत्कार के साथ मनाया गया, बजरंगबली का किया विशेष शृंगार, अर्पित किया सिंदूर लखनऊ। हनुमान जन्मोत्सव शनिवार को...

हनुमान जन्मोत्सव आज, घरों व मंदिरों में होगी विशेष पूजा

लखनऊ। हनुमान जन्मोत्सव हिंदू धर्म में एक पवित्र पर्व है, जो भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार...

Latest Articles