- लर्निंग आफ डूइंग लैब्स का परिषदीय विद्यालयों में होगा विस्तार
- सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेगी स्कूली शिक्षा
लखनऊ। प्रदेश में स्कूली शिक्षा को सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित न रखते हुए उसे कौशल, नवाचार और आत्मनिर्भरता से जोड़ने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत शुरू किए गए ‘करके सीखना’ ( लर्निंग बाय डूइंग) कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ाई को नया व्यावहारिक आयाम दिया जा रहा है, जिसमें बच्चों के कौशल को विकसित किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ काष्ठ कर्म, धातु कार्य, ऊर्जा व पर्यावरण, कृषि-बागवानी, स्वास्थ्य व पोषण जैसे विषयों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।
पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य के 75 जिलों के 2274 स्कूलों में अत्याधुनिक लर्निंग बाय डूइंग लैब्स स्थापित की गईं हैं, जिनमें 205 तरह के उपकरण दिए गए हैं। इसके पहले 15 जिलों में 60 स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट चला, जिससे बच्चों की उपस्थिति और रुचि में जबरदस्त इजाफा देखा गया। इसमें 5,937 विद्यार्थियों ने विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण लिया है। इस वर्ष इस कार्यक्रम का विस्तार 3288 और स्कूलों में किया जाएगा। यूनीसेफ व विज्ञान आश्रम की मदद से शिक्षक प्रशिक्षण और 60 गतिविधियों वाला मैनुअल तैयार किया गया है।