लखनऊ। मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी पर एक और मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। मऊ के दक्षिण टोला थाने की पुलिस ने सोमवार को मुख्तार अंसारी समेत छह लोगों के खिलाफ फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज की। मुख्तार पर आरोप है कि उसने अपने लेटरपैड पर डीएम को सिफारिशी पत्र पर करीबियों को शस्त्र लाईसेंस दिलाये। मुख्तार के साथ ही तत्कालीन थानाध्यक्ष और लेखपाल के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ मुख्तार के बेटे की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। उसके द्वारा एक शस्त्र पर छह विदेशी असलहे खरीदने के मामले में लखनऊ के महानगर थाने में दर्ज हुए केस की जांच अब यूपी एसटीएफ को सौंप दी गयी है।
वर्ष 2001 में विधायक मुख्तार अंसारी ने अपने लेटरपैड पर डीएम से अनुरोध करके चार लोगों को शस्त्र लाइसेंस देने का अनुरोध किया था। अपर पुलिस अधीक्षक की जांच में शस्त्र धारकों का पता फर्जी निकला। इसमें एक शस्त्र धारक की इनकाउंटर में मौत हो चुकी है, शेष तीन शस्त्र धारकों की तलाश में पुलिस जुट गयी है। तत्कालीन एसओ व लेखपाल के द्वारा सत्यापन की जांच आख्या दिए जाने पर पुलिस ने उन पर भी केस दर्ज किया है।
बताते चलें कि सदर विधायक मुख्तार अंसारी ने अपने लेटर पैड पर 15 दिसम्बर 2001 को तत्कालीन जिलाधिकारी को इजराइल अंसारी, अनवर अहमद, सलीम और शाह आलम को शस्त्र लाइसेंस जारी करने का अनुरोध किया था। तत्कालीन थानाध्यक्ष जेके सिंह की संस्तुति और तत्कालीन क्षेत्रीय लेखपाल की रिपोर्ट पर लाइसेंस जारी कर दिया गया।
पिछले दिनों लाइसेंसों का सत्यापन शुरू हुआ तो चारों शस्त्र धारियों के पते गलत निकले। इस पर एसपी अनुराग आर्य ने मामले की जांच शुरू की। अपर पुलिस अधीक्षक को इसका जिम्मा सौंपा गया। जांच में पाया गया कि चारों ने शस्त्र लाइसेंस के आवेदन में गलत पता लिखाया है। जांच में यह भी पाया गया कि विधायक ने इनके लिए सिफारिश की थी। विधायक ने साजिश के तहत शस्त्र लाइसेंस दिलाने में सहयोग किया। यही नहीं, तत्कालीन थानाध्यक्ष और लेखपाल को भी इसके लिए दोषी पाया गया। यह भी पता चला कि चार में से एक लाइसेंस धारी शाह आलम की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो चुकी है।
एसपी के आदेश पर पुलिस ने बाकी बचे तीनों लाइसेंसधारियों इजराइल अंसारी, अनवर शहजाद और सलीम के साथ ही तत्कालीन थानाध्यक्ष जेके सिंह, तत्कालीन क्षेत्रीय लेखपाल और विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ धोखाधड़ी, आयुघ अधिनियम समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। दक्षिण टोला थाने के प्रभारी निरीक्षक निहार नंदन कुमार ने खुद एफआईआर दर्ज करायी है। दूसरी तरफ मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी पर गत वर्ष लखनऊ के महानगर थाने में दर्ज हुआ केस की जांच अब एसटीएफ ट्रांसफर कर दी गयी है।
अब्बास अंसारी पर एक लाइसेंस पर कई विदेशी असलहे लेने का दर्ज मुकदमा दर्ज किया गया था। अभी तक लखनऊ पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। इस संबंध में डीजीपी ने आदेश जारी किये हैं। बसपा के टिकट पर मऊ जिले के घोसी से 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ चुके अब्बास अंसारी एक लाइसेंस पर छह विदेशी असलहे लेकर चलने का मामला पिछले साल सामने आया था। मामले की जांच शुरू हुई तो ये सही पाया गया। उसके बाद इस संबंध में महानगर थाने में केस दर्ज किया गया था।