रोजेदारों को इफ्तारी के बाद बड़े मंगल पर प्रसाद का वितरण
लखनऊ। आज बड़ा मंगल है। प्रत्येक वर्ष शहर में बड़े-बड़े भंडारे लगते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण ने श्रीहनुमान जी के श्रद्धालुओं को मायूस कर दिया है। इसके बाद भी मंगलवार को बूंदी, पूड़ी सब्जी, हलवा का प्रसाद खाने को मिलेगा। हालांकि यह व्यवस्था विशेष तौर उनके लिए की गई है जो लॉकडाउन में भूखे हैं। जिन लोगों के पास खाने की व्यवस्था नहीं है।
एलडीए की कम्युनिटी किचन जरूरतमंदों का पेट भरने के लिए शुरू की गई थी। पहले सिर्फ पूड़ी-सब्जी का वितरण हुआ, मगर जैसे जैसे कारवां आगे बढ़ा तो अधिकारियों व इंजीनियरों के सहयोग से जरूरतमंदों को जायकेदार खाने का स्वाद भी उपलब्ध कराया गया। किचन की व्यवस्था सिर्फ जरूरत तक ही सीमित होकर नहीं रह गई। लोगों की सेहत का भी ध्यान रखा गया। खेत से सब्जियां खरीदकर किसानों को फायदा पहुंचाया गया।
प्रभारी व संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि लॉकडाउन में काम-धंधे बंद होने पर जरूरतमंदों को खाना व राशन पहुंचाया गया। इस दौरान रमजान में इफ्तारी के तौर फल बांटे गए, तो अब बड़े मंगल पर बूंदी, पूड़ी-सब्जी और हलवा बांटने की तैयारी की गई है। उन्होंने बताया कि बैंकों की सीएसआर फंड से मदद मिली है। बड़े मंगल पर पांच हजार बूंदी के पैकेट तैयार किये गये हैं। इसके अलावा पूडी सब्जी व हलवा भी दिया जाएगा।
बंदरों के लिए मूंगफली व सौ दर्जन केले
प्राधिकरण सिर्फ इंसानों को ही नहीं पशुओं व मवेशियों के खाने की भी व्यवस्था कर रहा है। मवेशियों के लिए जहां चारे का इंतजाम किया गया है, वहीं बड़े मंगल पर वानरों के लिए दो बोरी मूंगफली और 100 दर्जन केले मंगवाये गये हैं। इंजीनियरों व कर्मचारियों के माध्यम से इनका वितरण अलग अलग इलाकों में किया जाएगा।
मजदूरों को गुड़, चना व सत्तू देकर विदाई
दूसरे राज्यों से मजदूर भीषण गर्मी में हजारों किमी पैदल, साइकिल से चलकर अपने गांव-शहर को लौट रहे हैं। इनके पास ना तो खाने की व्यवस्था है और न ही सामान खरीदने के लिए संसाधन। किसी को नौकरी जाने का दुख है तो कोई अपने घर जाने की खुशी में पैरों के छाले भी भूल गया है। रास्ते में कई स्थानों पर लोगों की मदद से खाने के पैकेट मिल रहे हैं लेकिन वह एक समय के लिए भी पर्याप्त नहीं है।
ऐसे में एलडीए ने इन प्रवासी मजदूरों के लिए गुड़, चना, सत्तू और लइया की व्यवस्था की है। एलडीए की संयुक्त सचिव ऋतु सुहास का कहना है कि सुबह से देर रात तक शहीद पथ पर सैकड़ों मजदूर आ रहे हैं। इन्हें इनका वितरण किया जाएगा। इससे रास्ते भर यह मजदूर कहीं भी इनका सेवन कर सकेंगे।