– लविवि कुलपति ने सभी विभागाध्यक्षों के साथ ऑनलाइन की बैठक
– बैठक के दौरान दो कमेटियों का हुआ गठन
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में एक ऑनलाइन बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में विभिन्न संकाय अध्यक्ष, विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, विभिन्न संस्थानों के निदेशक, विभिन्न कोर्स के समन्वयक, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक सम्मिलित थे।
यह बैठक लगभग तीन घंटे चली। बैठक शुरू होने पर कुलपति ने समस्त सदस्यों को अवगत कराया कि कोविड कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन से पूर्व 18 मार्च को लखनऊ विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग ने एक सेनेटाइजर का निर्माण किया था। इसके बाद लॉकडाउन के बाद एक अप्रैल को नवसृजित वेबसाइट का लॉचिंग लखनऊ विश्वविद्यालय कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने किया।
इसके बाद दो अप्रैल को आयुर्वेद संकाय द्वारा स्वास्थ्यवर्धक जोशांदा (काड़ा) निर्मित किया गया। इसी समय मनोविज्ञान विभाग द्वारा ऑनलाइन छात्रों की समस्याओं से संबंधित काउंसलिंग शुरू की गयी। छह अप्रैल से लगातार समाज के विभिन्न निर्बल वर्ग के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय के निवेदिता छात्रावास में कम्युनिटी किचन की शुरूआत किया गया, जहां से प्रतिदिन 1000 भोजन पैकेट का वितरण जिला प्रशासन के सहयोग से किया जाता है। छात्र-छात्राओं को लखनऊ विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर स्टडी मैटेरियल और ई-कंटेंट उपलब्ध कराया गया। कुछ शिक्षकों ने ऑनलाइन ओपीडी भी चलाई। कुछ शिक्षकों ने सुविधानुसार ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन भी किया।
इन सब तथ्यों से अवगत कराने के बाद कुलपति ने विभागाध्यक्षों से स्नातक और परास्नातक कक्षाओं के पाठ्यक्रमों के पूर्ण होने के बारे में जानकारी प्राप्त की। जिसके बारे में उन्हें बताया गया कि स्नातक स्तर पर लगभग 60% और परास्नातक स्तर पर लगभग 70% पाठ्यक्रमों को पूर्ण कर लिया गया है। प्रैक्टिकल के विषय में बताया गया कि लगभग 50-60% पाठ्क्रम पूर्ण है। सभी विभागाध्यक्षों से कुलपति ने अलग-अलग पाठ्यक्रमों के पूर्ण होने के विषय में जानकारी प्राप्त की।
उसके बाद कुलपति ने विधि, कला और विज्ञान संकायों के अधिष्ठाताओं की एक कमेटी का गठन किया, जो मिड-सेमेस्टर परीक्षाओं को कैसे सम्पन्न करवाया जाए, उस पर अपना निर्णय देंगे। एक अन्य कमेटी का गठन किया गया, जिसमें प्रो. अरविंद मोहन, प्रो. सीपी सिंह, प्रो. अनिल मिश्रा, डॉ. किरण लता डंगवाल और परीक्षा नियंत्रक एके मिश्र सम्मिलित है। यह लोग एक सप्ताह के अंदर प्रश्न पत्रों का निर्माण ऑनलाइन अथवा ऑफ लाइन कैसे किया जाए? इसके बारे में अपने निर्णय से अवगत कराएंगे।