नयी दिल्ली। सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के तहत शुक्रवार को नए भारत की यात्रा को प्रदर्शित करने तथा स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को रेखांकित करने के लिए दो डिजिटल प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया। आजादी का अमृत महोत्सव भारत की स्वतंत्रता का 75वां साल मनाने के लिए केंद्र सरकार की एक पहल है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और पर्यटन व संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी द्वारा ई-फोटो प्रदर्शनी मेकिंग आॅफ द संविधान और डिजिटल फिल्म पोस्टर प्रदर्शनी चित्रांजलिए75 का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन, संसदीय मामलों और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी उपस्थित थीं।
यह कार्यक्रम सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा मनाए जा रहे आइकॉनिक वीक के तहत आयोजित किया गया था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ठाकुर ने कहा कि ई-फोटो प्रदर्शनी का उद्देश्य लोगों को संविधान के निर्माण के बारे में सूचित करना है। उन्होंने कहा, कि यह प्रदर्शनी जनभागीदारी की दिशा में एक कदम है जो न केवल देश के युवाओं को संविधान के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित करेगी बल्कि उन्हें उनके अधिकारों के बारे में भी शिक्षित करेगी तथा उन्हें राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्यों की भावना को लेकर जागरुक करेगी। ठाकुर ने घोषणा की कि सरकार भारत के संविधान के संस्थापक सिद्धांतों का प्रसार करने के प्रयासों में युवाओं को भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने की खातिर बहुत जल्द नो योर कॉन्स्टीट्यूशन (अपने संविधान को जानें) कार्यक्रम चलाएगी। उन्होंने कहा, हमने परिवर्तनकारी डिजिटल क्रांति को ध्यान में रखते हुए इस संकलन को डिजिटल प्रारूप में जारी किया है। ई-बुक को हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 11 भारतीय भाषाओं में जारी किया जाएगा। यह अनूठा संग्रह हमारी आजादी की यात्रा के विभिन्न पड़ावों का जश्न मनाएगा। इस डिजिटल प्रदर्शनी में वीडियो और भाषणों का संग्रह है और साथ ही एक रोचक क्विज भी है जिसमें हिस्सा लेने पर ई-प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
ठाकुर ने पोस्टर प्रदर्शनी के बारे में कहा, चित्रांजलिए75 भारतीय सिनेमा के 75 साल का प्रतिनिधित्व करती है और मुझे यकीन है कि यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, हमारे समाज सुधारकों और हमारे सैनिकों की वीरता की पवित्र यादें ताजा करेगी। हमने अपनी पोस्टर प्रदर्शनी में ऐसी 75 प्रसिद्ध फिल्मों को शामिल करने का प्रयास किया है। रेड्डी ने इस तरह के एक व्यापक कार्यक्रम के आयोजन के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि है कि अमृत महोत्सव सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि जन कार्यक्रम हो।