नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस के संकट के कारण उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करते हुए देश में 30 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को आनलाइन शिक्षा से जोड़ना दुनिया में एक रिकार्ड है।
नौवें अंतरराष्ट्रीय किशोर सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए निशंक ने कहा, कोरोना वायरस के कारण देश संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे समय में 30 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को आनलाइन शिक्षा से जोड़ना दुनिया में एक रिकार्ड है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह समानता एवं भारत की जरूरतों पर आधारित है और इसकी प्रकृति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों है।
उन्होंने कहा कि भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने सराहना की है। दो दिन पहले ही ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने भी नई शिक्षा नीति की प्रशंसा की। निशंक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के जरिए छात्रों का 360 डिग्री समग्र मूल्यांकन होगा और बच्चे अपना मूल्यांकन खुद कर सकेंगे, साथ ही उनके साथी, उनके अध्यापक, उनके अभिभावक भी इसमें शामिल हो सकेंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पेश करने वाला पहला देश होगा। नई शिक्षा नीति ऐसी है कि एक छात्र न केवल पढ़ाई करेगा, बल्कि उसे अन्य क्षेत्रों में भी अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम इंटर्नशिप के साथ ही छठी कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा लाए हैं। व्यवसायिक शिक्षा के साथ इंटर्नशिप का प्रावधान किया है ताकि 12वीं के बाद जब बच्चा निकले तो पूरी तरह से कौशल सम्पन्न हो।
निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश के युवाओं के बौद्घिक विकास के लिए एक नया खाका पेश करती है जिससे वे तेजी से बदलते विश्व की चुनौतियों से निपट सकें। उन्होंने उम्मीद जताई कि एनईपी-2020 के लागू होने से विद्यार्थियों को मजबूती मिलेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना के अनुरूप भारत को एक विकसित, डिजीटल और आत्मनिर्भर देश बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।