गन्ना किसानों को करवाया गया 5543.07 करोड़ का भुगतान : संजय भूसरेड्डी

लखनऊ। प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर भूसरेड्डी ने शुक्रवार को बताया कि लॉकडाउन के बावजूद प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा अब तक 11,015.07 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई की गयी है, जबकि पिछले साल सामान्य परिस्थितियों मे इस समय तक 10,243.96 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई की गयी थी। प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा लाॅकडाउन की इस अवधि में चीनी की बिक्री बहुत कम होने के बावजूद भी खरीदे गये गन्ने के सापेक्ष 5543.07 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को कराया गया।

भूसरेड्डी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन और चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा के कुशल नेतृत्व में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा कोरोना महामारी की इस देशव्यापी विभीषिका के बावजूद भी गन्ना कृषकों के हित में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

प्रमुख सचिव ने बताया कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की अवधि में भी उत्तर प्रदेष के गन्ना विकास विभाग द्वारा गन्ना किसानों के हित में चीनी मिलों को चलाने का निर्णय लिया गया। सभी चीनी मिलों में मिल यार्ड्स तथा क्रय केंद्रों पर पानी की व्यवस्था कर साबुन तथा सैनिटाइजर रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करने और एक दूसरे से कम से कम एक मीटर दूरी बनाने एवं गन्ना किसानों में सोशल डिस्टेंसिंग एंव हैंडवाश के प्रति जागरूकता हेतु पैम्फलेट आदि का वितरण कराया गया। उन्होंन यह भी बताया कि मौजूदा पेराई सत्र में संचालित कुल 119 चीनी मिलों में से विषम परिस्थितियों के बावजूद अब तक 94 चीनी मिलें अपने क्षेत्र का समस्त गन्ना पेराई कर बंद हो गई है तथा 25 चीनी मिलें अभी भी कार्यरत हैं।

भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि गन्ने की बसंतकालीन गन्ना बुवाई फरवरी से अप्रैल महीने के अंत तक की जाती है। इसके मद्देनज़र किसानों को कोई परेशानी ना हो और वह अपने गन्ने की बुवाई सुचारू रूप से कर सकें इसके लिए सभी चीनी मिलों को पर्याप्त मात्रा में कृषि निवेशों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश पारित किए गये। इच्छित कृषकों को उनकी सहमति के आधार पर ब्याज मुक्त ऋण पर गन्ना बीज, कीटनाशक, खाद, एवं अन्य निवेश इत्यादि उपलब्ध कराने एवं उसके कटौती कृषको की अंतिम गन्ना पर्ची/पर्चियों के देय गन्ना मूल्य से विरुद्ध समायोजित करने हेतु निर्देश दिए गए जिससे धन अभाव के कारण किसानों की गन्ना बुवाई प्रभावित ना हो।

प्रमुख सचिव ने कहा कि गन्ना किसानों को उनके देय गन्ना मूल्य के विरुद्ध प्रति कृषक एक कुंतल चीनी जून महीने तक उस दिन के चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य के आधार पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए तथा चीनी का मूल्य कृषकों से उनके अंतिम पर्ची/पर्चियों से काटा जाएगा। इससे कृषकों को सस्ती चीनी उपलब्ध होगी और चीनी मिलों को भी वित्तीय तरलता प्राप्त होगी। इस व्यवस्था के तहत 70,793 गन्ना किसानों को अब तक 74,865 कुन्तल चीनी उपलब्ध कराई गई है।

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