लखनऊ। उत्तर प्रदेश की कई प्रमुख नदियां चेतावनी और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा नदी बदायूं में कचला ब्रिज और फतेहगढ़ में चेतावनी और खतरे के निशान के बीच बह रही है।
इसी तरह शारदा नदी, लखीमपुर खीरी में पलियाकला और घाघरा नदी तुर्तीपार (बलिया), एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी) और अयोध्या में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है।
राहत आयुक्त संजय गोयल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि प्रदेश के 16 जिलों आंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोंडा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, देवरिया, संतकबीरनगर और सीतापुर के 517 गांव बाढ़ से प्रभावित है।
गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सभी बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिये हैं।
जिलों द्वारा ऊपरी क्षेत्रों में स्थित विभिन्न बांधों व जलाशय से पानी छोड़े जाने की सूचना लगातार जानकारी में रखने के साथ-साथ बाढ़ से बचाव के लिए सभी तैयारियां पूर्व से ही सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हेै कि जिले के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बांधों का निरीक्षण किया जाये और तटबंधों को सुरक्षित करने के उपाय समय से सुनिश्चित किये जाये, जिससे नदी के किनारे के गांवों को बाढ़ की विभीषिका से बचाया जा सके।
गोयल ने बाढ़ की स्थिति के बारे में बताया कि प्रदेश के मौजूदा समय में सभी तटबंध सुरक्षित है। प्रदेश में बाढ़ के संबंध में लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है।
बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें, एसडीआरएफ और पीएसी की 07 टीमें इस तरह कुल 22 टीमें तैनाती की गयी है। 644 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़ व अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिए बचाव व राहत प्रबंधन के बारे में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।