पीजीआई ट्रॉमा सेंटर में बना 210 बेड का कोविड अस्पताल

लखनऊ। कोरोना की जांच शुरू करने के बाद पीजीआई के ट्रॉमा में कोविड अस्पताल बनाया गया है। अस्पताल विशेष तौर पर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज होगा। इस कैम्पस में 25 वेंटीलेटर बेड और 40 आइसोलेशन वार्ड तैयार हैं। शासन की अनुमति के बाद उन्हें भी चालू कर दिया जाएगा।

अस्पताल की क्षमता 210 बेड की है जिसमें 80 वेंटीलेटर और 130 आइसोलेशन वार्ड होंगे। बुधवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कोविड अस्पताल का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि शासन ने दो दिन पहले ही पीजीआई के ट्रामा में 210 बेड का आधुनिक राजधानी कोविड अस्पताल बनाने की घोषणा की थी जो पूरी हुई।

बुधवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान के साथ कोविड अस्पताल के लिए गठित कोविड टॉस्क के अधिकारियों के साथ बैठक की।

श्री खन्ना ने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि अस्पताल के लिए जो भी जरूरी उपकरण और संसाधन जरूरी हैं वह उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कोविड अस्पताल में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए जारी गाइड लाइन की जानकारी दी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कोरोना वार्ड में भर्ती गायिका कनिका के सेहत की भी जानकारी ली। उन्होंने पीजीआई की पुरानी ओपीडी में बनाये गए 10 बेड के कोरोना वार्ड का भी निरीक्षण किया। कनिका वहीं पर भर्ती हैं।

मंत्री ने वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ के योगदान को सराहा। निदेशक डॉ. राधाकृष्ण धीमान ने कोविड अस्पताल में कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज और निगरानी के लिए 11 कोविड टॉस्क गठित की है जिसके चेयरमैन व खुद हैं। यह टॉस्क कोविड आईसीयू, आइसोलेशन व दवा वितरण भोजन आदि की व्यवस्था करेंगे।

पीजीआई करेगा पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित

पीजीआई के टेली मेडिसिन विभाग ने कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित करने का जिम्मा लिया है। उन्हें बताया जाएगा कि मरीजों के इलाज व जांच के साथ खुद की कैसे सुरक्षित रखें। प्रदेश सरकार ने संजय गांधी पीजीआई के टेलीनेडिसिन विभाग को यह निर्देश दिया कि वह प्रदेश के अन्य चिकित्सा संस्थानों में काम करने वाले उन डाक्टरों व पैरा मेडिकल कर्मियों को ट्रेनिंग दे जो कोरोना मरीजों के इलाज में जुटी है।

टेलीमेडिसिन विभाग पूरी तरह से तैयार है। विभाग ने प्रशिक्षण के लिए एक विशेष सा टवेयर तैयार किया है। इसके तहत डाक्टरों को बताया जाएगा कि कोरोना मरीजों की देख भाल कर रहे डॉक्टर व अन्य स्टाफ को पीपीई ड्रेस पहनने के साथ ही वार्ड में जाने से पहले और निकलने के पहले कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए। इसकी जानकारी आॅनलाइन टेलिमिडिसन के जरिये प्रदेश के सभी अस्पतालों को दी जाएगी। जहां कोरोना वार्ड बनें हैं या बनाये जाने हैं। टेलीमेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है।

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