पटियाला। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाथरस मामले को लेकर मंगलवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में इतनी शालीनता होनी चाहिए थी कि वह दलित लड़की से कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना को त्रासदी कहते। कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में खेती बचाओ यात्रा निकालने वाले गांधी ने यह भी कहा कि हाथरस की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शब्द भी नहीं बोला।
उन्होंने पटियाला में संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं हाथरस देश की उन लाखों महिलाओं के लिए गया, जिनके साथ रोज छेड़छाड़ की घटना होती है। उन हजारों महिलाओं के लिए गया, जिनके साथ बलात्कार होता है। मुझे आश्चर्य होता है कि इस घटना पर प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला।
एक सवाल के जवाब में गांधी ने कहा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री में इतनी शालीनता होनी चाहिए थी कि वह कहते कि यह एक त्रासदी है और हम इस मामले को देखेंगे तथा लड़की के परिवार की रक्षा करेंगे। उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से इस मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश का आरोप लगाए जाने संबंधी प्रश्न पर कांग्रेस नेता ने कहा कि योगी आदित्यनाथ अपने विचार प्रकट करने को स्वतंत्र हैं।
उन्होंने कहा, योगी जी जो कल्पना करना चाहें, वो कर सकते हैं। मैंने वहां यह देखा कि एक प्यारी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया था, उसकी गर्दन तोड़ दी गई थी और उसके परिवार को धमकी दी गई। जिन लोगों ने यह सब किया उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
राहुल गांधी ने कहा, अगर योगी जी को लगता है कि अंतरराष्ट्रीय साजिश है तो ठीक है। ऐसा सोचने का उनको अधिकार है। मैंने जो देखा, वो एक त्रासदी थी। गौरतलब है कि हाथरस जिले के एक गांव में गत 14 सितंबर को 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था। चोटों के चलते गत मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी, जिसके बाद रातोंरात उसके शव का दाह-संस्कार कर दिया गया।
परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन ने उनकी सहमति के बगैर गत बुधवार तड़के पीड़िता के शव का जबरन दाह-संस्कार कर दिया। दलित युवती से कथित सामूहिक बलात्कार व उसकी मौत के मामले में गांव के ही रहने वाले अगड़ी जाति के चार युवकों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, उत्तर प्रदेश पुलिस ने एफएसएल रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीड़िता से बलात्कार नहीं होने का दावा किया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने गत शनिवार शाम घटना की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी।





