- हर इकाई में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित करने की हो कोशिश : नवनीत सहगल
लखनऊ। सूबे का एमएसएमई विभाग अप्रवासी श्रमिकों के लिए वरदान साबित हुआ। दूसरे राज्यों से खाली हाथ यूपी पहुंचे श्रमिकों के लिए कोरोना संकट काल में स्वयं और परिवार के लिए खाने के लाले पड़ गए ऐसे में सूबे का एमएसएमई विभाग इनके साथ खड़ा हुआ और ‘हर हाथ को काम देने’ की कड़ी में कार्ययोजना तैयार कर श्रमिकों की बड़ी मुश्किल हल कर दी।
अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम उद्योग डॉ. नवनीत सहगल ने दावा किया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में वे हर हाल में हर हाथ को काम देने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई विभाग ही एक ऐसा विभाग है जिसने कोरोना संक्रमण के प्रारम्भिक दौर में मॉस्क तैयार कर श्रमिकों को रोजगार देने के कार्य के साथ लोगों को सस्ते और सुलभ मॉस्क बनाकर दिए।
6 लाख मीटर कपडे से मॉस्क तैयार करने का कारोबार शुरू
प्रारम्भ में 6 लाख मीटर कपडे से मॉस्क तैयार करने का कारोबार शुरू हुआ। इसके बाद 15 नई इकाइयां तैयार हो गयी। मौजूदा समय में 90 इकाइयां सेनेटाइजर तैयार कर रही है। 76 इकाइयां पीपीई मॉस्क बना रही है। इसके अलावा सेनेटाइजर और मॉस्क की कमी सूबे में न होने पाए विभाग ने 60 नई इकाइयों को लाइसेंस प्रदान किया है। सहगल ने बताया कि देश में रैपिड टेस्ट किट विदेशों से आयात की जाती थी।
जिससे खर्चा भी ज्यादा लग रहा था और समय भी ज्यादा लगता था परन्तु अब लखनऊ और नोएडा में दो कम्पनियां रैपिड टेस्ट किट बनाने का कार्य कर रहीं है, काफी स्सिर्च के बाद एक सैम्पल एपू्रव भी हो चुका है। सहगल ने बताया कि इस समय कुल मिलाकर लाकर 90 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं। हमारी कोशिश हर इकाई में ज्यादे से ज्यादा रोजगार सृजित करने की है। विशेष फोकस एक जिला एक उत्पाद पर है। सूबे में अब तक 20 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिक आ चुके है जिनके भरण-पोषण के लिए रोजगार सबसे ज्यादा आवश्यक है।
एमएसएमई विभाग ने कई योजनाओं पर पहल की
योगी सरकार के प्रयासों के चलते एमएसएमई विभाग ने कई योजनाओं पर पहल की है। इस पहल के चलते कोरोना संकट काल में श्रमिकों की काफी परेशानियां काफी हद तक टल चुकी है। सहगल ने बताया कि कोविड-19 के संकट के दौरान प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ के राहत पॅकेज की घोषणा की। इस घोषणा के तुरन्त बाद एसएसएमई विभाग ने कार्ययोजना तैयार की और कार्यक्रम आयोजित कर मुख्यमंत्री द्वारा लोन मेला की शुरूआत के साथ एक मुश्त 2002 करोड़ का ऋण वितरित कराया।
ग्लोबल महामारी कोरोना के दौर में ‘हर हाथ को काम’ देने के लिए योगी सरकार ने आनलाइन लोन मेले की शुरूआत की इसके अलावा ‘आनलाइन स्वरोजगार संगम कार्यक्रम’ ‘मेक इन यूपी’, ‘स्टार्टअप फंड’ कीशुरूआत, ‘बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी’ बनाने की घोषणा, स्किल मैपिंग, मोबाइल नंबर से जोड़कर सबको रोजगार देने की कार्ययोजना से सूबे में आए अप्रवासी श्रमिकों को जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि ओडीओपी को तकनीक से जोड़ना है और साथ ही मेक इन इंडिया की तर्ज पर ‘मेक इन यूपी’ को आगे बढ़ावा देना है। ओडीओपी उत्पादों को ई-कामर्स प्लेटफार्म के जरिए बढ़ावा देने की कोशिश है।