जब भारतीय सीमा में घुसपैठ की सूचना मिली

लखनऊ। सेना को भारतीय सीमा में घुसपैठ की सूचना मिली थी। सेना के जवान आर्मी डॉग के साथ मौके पर पहुंचे। उन्हें आस पास कोई नजर नहीं आ रहा था लेकिन श्वान को घुसपैठिए की आहट मिल गयी। वह उछलने लगा। जवानों ने जैसे ही उसकी रस्सी खोली, पलक झपकते ही भीड़ के बीच घुसपैठिए को श्वान ने दबोच लिया।

सेना के बहादुर श्वानों ने भी गुरुवार को गोमती किनारे कुछ इसी तरह से अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया। सेना के डॉग्स को कितना अच्छा प्रशिक्षण मिला है गुरुवार को इसकी झलक यहां दिखाई पड़ी। घुसपैठिए को न सिर्फ डाग ने पहचान लिया बल्कि उसे अपने जबड़ों में जकड़ लिया। डाग ने उसे इतनी मजबूती से पकड़ रखा था कि घुसपैठिया हिल तक नहीं पा रहा था।

सैनिक ने मौके पर पहुंच कर स्वान को अलग छुड़ाने का प्रयास किया लेकिन वह उसे छोड़ ही नहीं रहा था। वह उसे जकड़े हुए था। काफी मशक्कत के बाद सैनिक ने डॉग को अलग किया। सेना के इस जांबाज श्वान ने जिस तरह घुसपैठिए पर हमला किया और उसे दबोचा अगर उसने मोटी जैकेट न पहना होता तो कंधा उड़ा देता।

जिसको घुसपैठिया बनाया गया था उसने काफी मोटी जैकेट पहन रखी थी। इसमें हवा भी भरी थी। सेना के जवानों को रिवरफ्रंट पर एक रुमाल पड़ा मिला। जवानों को इस पर कुछ शक हुआ। वह आर्मी डाग को रुमाल के पास ले गए। डॉग ने उसे सूंघा। इसके बाद वह उस आदमी की तलाश करने लगा जिसकी रुमाल थी।

आखिरकर कुछ ही देरी में श्वान ने उस घुसपैठिए को भीड़ में तलाश लिया जिसकी रुमाल थी। इंडियन नेवी के मरीन कमांडो मार्कोस ने ध्रुव हेलीकाप्टर से रेस्क्यू किए। पलक झपकते ही हवा में एक जगह खड़े हेलीकॉप्टर से एक साथ उतरे तीन कमांडो ने रेस्क्यू के साथ दुश्मन को मार गिराने की तकनीक भी दिखाई। नदी में नाव के बाद एक ही छलांग में नदी की रेलिंग को पार करते कमांडो भीड़ के बीच घुस आए घुसपैठिये को चुपके से दबोच लिया। यह देख वहां मौजूद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।
वाटर स्कूटर का क्रेज

फ्रंट पर नजारों को राफ्ट के साथ गोमती में जेमिनी बोट्स, सेल बोट्स केसाथ जलसेना केजाबांजों का कमाल गोमती में पहली बार लोगों ने देखा। गोमती में समुद्री बीच की तरह चलने वाली रंग-बिरंगी राफ्ट पर रफ्तार भरते लोगों के साथ वाटर स्कूटर केकरतब करते जवानों के नजारे को मोबाइल में कैद करने को लोग रेलिंग के किनारे तक देर तक खड़े रहे।

श्वान दल के करतब और खुखरी डांस से आगाज

दोपहर सवा दो बजे से शुरू हुए शो में श्वान दल की खूबियों ने लोगों को अपना मुरीद बनाया। दर्शकों के सामने फूलों का गुलदस्ता लेकर आए श्वानों के दल ने सूंघकर दुश्मन खोजने, ऑपस्टिकल ट्रेनिंग, गार्ड डॉग के काम और युद्ध के दौरान घुसपैठिये को भीड़ में खोज कर नाकाम करने के करतब दिखाए। इसके बाद मंच पर अपने चिरपरिचित युद्ध घोष के साथ आए गोरखा राइफल रेजीमेंट के जवानों ने खुखरी डांस के रोमांच से रुबरू कराया। बैगपाइपर की धुनों के बाद हवा में खुखरी लहराते जवानों ने सेल्फ डिफेंस व अटैक के कौशल दिखाए। जवानों ने ओ लाली.. लाली.. पर छोलिया नृत्य भी प्रस्तुत किया।

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