बैंकॉक/नोमपेन्ह। दशकों पुराने थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद ने एक बार फिर हिंसक मोड़ ले लिया है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच हालिया झड़पें न सिर्फ कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि आम जनता को भी जबरदस्त नुकसान पहुंचा रही हैं। गुरुवार को हालात और बिगड़ गए जब थाई सेना ने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की पुष्टि की। इस हमले के जवाब में कंबोडिया ने भी रॉकेट हमले किए, जिसमें थाईलैंड के सिसाकेत प्रांत में 9 नागरिकों की मौत हो गई जबकि 12 से अधिक लोगों के घायल हाेने की संभावना है।
तनाव का केंद्र बना प्राचीन ‘प्रासात टा मुएन थोम’ मंदिर
सीमा विवाद का मुख्य केंद्र बना है प्राचीन खमेर मंदिर प्रासात टा मुएन थोम, जो थाईलैंड के सुरिन प्रांत और कंबोडिया के ओदार मींचे प्रांत की सीमा पर स्थित है। यह मंदिर सांस्कृतिक धरोहर है, लेकिन अब यह एक नए संघर्ष का युद्धक्षेत्र बन गया है। यह इलाका पहले भी विवादित रहा है, लेकिन इस बार अचानक उभरे संघर्ष ने दोनों देशों के बीच हालात को बेहद खतरनाक बना दिया है।
गुरुवार सुबह थाईलैंड की तरफ से सामने आए लाइवस्ट्रीम वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि स्थानीय लोग गोलियों और धमाकों की आवाज़ों से भयभीत होकर बंकरों में शरण ले रहे हैं। कुछ वीडियो में देखा गया कि लोग बच्चों को गोद में उठाए जान बचाने के लिए भागते नजर आए, जबकि सड़क पर सामान छोड़कर भागे कई परिवारों की झलक भी दिखी।
थाईलैंड की एयरस्ट्राइक और बढ़ता तनाव
थाई सेना की उप प्रवक्ता ऋचा सुक्सुवानन ने पुष्टि की कि उन्होंने “योजना के अनुसार” कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। वहीं, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने इन हमलों को ‘सशस्त्र अतिक्रमण’ करार दिया और चेतावनी दी कि उनका देश बलपूर्वक जवाब देने को मजबूर होगा। उन्होंने कहा कि थाईलैंड ने ओदार मींचे प्रांत में स्थित ता मोआन थोम और ता क्राबे मंदिरों के आसपास स्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया और फिर हमला मोम बेई इलाके तक फैला दिया।
अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार, थाईलैंड में नौ लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक 8 साल का बच्चा भी शामिल है। कंबोडियाई रॉकेट हमले में सिसाकेत प्रांत के एक व्यस्त पेट्रोल पंप और पास के सेवन-इलेवन स्टोर में भारी तबाही मची। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में टूटी हुई खिड़कियां, घायल लोगों की चीख-पुकार और मदद को दौड़ते लोग देखे जा सकते हैं।
कंबोडियाई प्रधानमंत्री का तीखा हमला
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने थाईलैंड की एयरस्ट्राइक को ‘सशस्त्र अतिक्रमण’ करार देते हुए कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘कंबोडिया ने हमेशा शांति से हल निकालने की कोशिश की है, लेकिन इस हालात में हमारे पास जवाब में बल प्रयोग के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा.’ प्रधानमंत्री ने पुष्टि की कि थाईलैंड ने ओदार मींचे प्रांत में स्थित ता मोआन थोम और ता क्राबे मंदिरों के पास कंबोडियाई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया और फिर हमला मोम बेई इलाके तक बढ़ा दिया।
पृष्ठभूमि बना सीमा विवाद की जड़ें
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह सीमा विवाद दशकों पुराना है, जिसकी जड़ें औपनिवेशिक काल में खींची गई सीमाओं तक जाती हैं। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित प्रेह विहियर मंदिर को लेकर भी दोनों देशों के बीच वर्षों तक सैन्य तनाव बना रहा है। अब उसी प्रकार का विवाद ता मुएन थोम और आसपास के इलाकों में उभर रहा है।
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध हाल ही में तनावपूर्ण हुए थे, लेकिन अब यह टकराव सीधे सैन्य स्तर पर आ गया है। संयुक्त राष्ट्र और आसियान देशों की नजर इस क्षेत्र पर है, और आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल, सीमा पर दोनों ओर से सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है और आम लोगों में डर का माहौल है। यदि जल्द ही कूटनीतिक समाधान नहीं निकाला गया, तो यह विवाद पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में शांति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।