वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। संजय गांधी पीजाआई में वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब बनायी जायेगी। इस प्रयोगशाला में डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी एन्सेफलाइटिस, इन्फ्लूएंजा, एंटरोवायरस ऐडेनो वायरस, मम्पस, खसरा रूबेला, रोटा वायरस, जीका वायरस व पश्चिमी मॉइल वायरस तथा सामान्य वायरल बीमारियों पर सीरोलॉजिकल, परीक्षण, अनुसंधान व इलाज किया जायेगा।
संस्थान के निदेशक डा. आर के धीमान ने बताया कि स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, दिल्ली के तहत संचालित है, ने पीजीआई में वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला को स्वीकृति किया है। उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला को स्थापना के लिये माइकोबायलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा अतुल गर्ग ने पहल की और एक शोध समूह तैयार किया, जिसमें प्रोफेसर रुगमेई एस. के. मारक और एडिशनल प्रोफेसर डा. चिन्मय साहु तथा न्यूराजाली विभाग के प्रो. डा. वी. के. पालीवाल भी शामिल थे।
इसके अतिरिक्त जनरल अस्पताल में डायग्नोस्टिक लैब सलाहकार चिकित्सक डा. प्रेरणा कपूर और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर हा मोहन गुर्जर रिसर्च समूह के सदस्य थे। इस योजना के तहत 100 से अधिक केन्द्रों ने आवेदन किया था और कई दौर के साक्षात्कार और निरिक्षण के बाद केवल तीन केन्द्रों का चयन किया गया। जिसमें एक केन्द्र पीजीआई लखनऊ, और दक्षिण भारत में दो केन्द्र जिसमें एनआईएमएचएएनएस बेंगलौर तथा आईसीएमआर एनआईटीएमए बेलगावी कर्नाटक है।
डा. अतुल गर्ग ने बताया कि इस लैब को स्थापित व संचालित करने के लिये चार करोड़ रुपये मिलेंगे। माइकोबायलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रुगमेई एस.के. मारक ने बताया कि इस लैब में सभी मरीजों जांच मुफ्त की जायेगी। इसके अलावा पीआरडीएल प्रयोगशाला, विभाग में चल रहे मौजूदा संक्रामक रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी), प्रदेश कार्यक्रम के साथ भी समन्वय करेगी और किसी भी बीमारी के फैलने या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में अन्य सरकारी अस्पतालों और पड़ोसी जिला से नमूनों का परीक्षण करेगी।





