मुंबई: डर्टी पिक्चर और भूल भुलैया जैसी सफल कारोबारी फिल्मों में प्रमुख निभा चुकीं चर्चित अभिनेत्री विद्या बालन का मानना है कि धर्म और विज्ञान एक दूसरे के खिलाफ नहीं हैं बल्कि वे सहअस्तित्व में रह सकते हैं। उनका मानना है कि एक इंसान की कई पहचान हो सकती हैं लेकिन समस्या तब आती है जब धर्म की व्याख्या वैसी की जाती है जैसी आज की जा रही है। वह हाल में रिलीज हुई बॉलीवुड की फिल्म ‘मिशन मंगल’ में अपने निभाए गए चरित्र को लेकर पीटीआई-भाषा से बात कर रही थीं। यह चरित्र एक महिला वैज्ञानिक का है जो ईश्वर से डरती है। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से धर्म के बारे में बताया जाता है, उसमें समस्या है। मैं ऐसे कई लोगों को जानती हूं जो खुद को धार्मिक कहलाने में शर्म महसूस करते हैं और वह खुद उनमें से एक हैं। वह हमेशा यह महसूस करती हैं कि उन्हें यह कहना नहीं चाहिए कि वह धार्मिक हैं।
उन्होंने कहा कि धर्म ऐसा हो गया है या ऐसी नकारात्मक धारणा बन गई है कि धार्मिक होने का मतलब असहिष्णु होना है। विद्या ने कहा मैं बनाम तुम की बहसें बढ़ गई हैं जिसकी वजह से हम की बात कम होती जा रही है। इस अदाकारा ने कहा कि यह केवल हमारे मुल्क की बात नहीं है पूरी दुनिया में ऐसा हो रहा है। हम होने की भावना में कमी देखी जा रही है। मिशन मंगल स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज हुई है और इसमें अक्षय कुमार, तापसी पन्नू, सोनाक्षी सिन्हा, नित्या मेनन और कीर्ति कुल्हारी ने काम किया है। यह फिल्म भारत के मिशन मंगलयान पर आधारित है। विद्या ने राष्ट्रवाद और सिनेमा के रिश्ते पर पूछे गए सवाल पर कहा, यह भावना (राष्ट्रवाद) सिनेमा में हो सकती है और न कि सिनेमा हॉल में। हमें राष्ट्रीय गान के अवसर पर सिनेमा हॉल में खड़े होने की जरूरत नहीं है।