आतंकियों को हथियार पहुंचाने में ड्रोन का हुआ इस्तेमाल, एलओसी पर बढ़ी सतर्कता

श्रीनगर। पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई द्वारा जम्मू-कश्मीर में एक ड्रोन का इस्तेमाल किए जाने के बाद घाटी में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। सेना का मानना है कि आतंकवादियों के लिए हथियार गिराने में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

कश्मीर में सामरिक रूप से स्थित 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर इन कमांड लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू ने कहा कि पीर पंजाल (जम्मू क्षेत्र) में एक घटना के बाद हमने एलओसी पर कोई भी उड़ने वाली वस्तु दिखने पर नजर रखने के लिए सभी इकाइयों को सतर्क कर दिया है।

आतंकवादी को हथियारों और गोला-बारूद की भारी कमी का सामना करना पढ़ रहा

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में छिपे आतंकवादी हथियारों और गोला-बारूद की भारी कमी का सामना कर रहे हैं और वे सीमा पार से कुछ मदद के लिए बेचैन हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने जून में जम्मू क्षेत्र के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था। ड्रोन में एक अत्याधुनिक राइफल और सात ग्रेनेड थे।

चीन में निर्मित उस ड्रोन का वजन लगभग 17.5 किलोग्राम था और उसमें 5.5 किलोग्राम वजन के हथियार थे। उसमें अमेरिका निर्मित एम4 अर्ध-स्वचालित कार्बाइन और सात चीनी ग्रेनेड शामिल थे। ड्रोन से चार बैटरी, एक रेडियो सिग्नल रिसीवर और दो ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) भी बरामद किए गए थे।

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद में एक ‘नया आयाम’ है

जनरल राजू के अनुसार, यह दशकों के पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद में एक ‘नया आयाम’ है। उन्होंने कहा, सीमा (एलओसी) के पार से आने वाली किसी भी उड़ने वाली वस्तु पर नजर रखने तथा उसे नीचे गिराने के लिए के लिए अग्रिम इकाइयां को निर्देश दिए गए हैं। छोटे ड्रोन का पता लगाना मुश्किल होता है। इसलिए अतिरिक्त सतर्कता की खातिर मानव जांच के साथ ही उच्च तकनीक वाले सभी उपकरणों की भी मदद ली जा रही है।

नियंत्रण रेखा के आसपास आम नागरिकों की आवाजाही पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है क्योंकि हथियारों की खेप लेने के लिए आतंकवादी खुद को खानाबदोश या गड़ेरिए का भेष धारण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने एलओसी के पास हाल के दिनों में फेंके गए हथियार और गोला-बारूद देखे हैं।

सीमा पार के लोग घुसपैठ की कोशिश कर रहे

यह स्पष्ट संकेत है कि सीमा पार के लोग घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं और वे हथियार रख कर सीमा पार अपने ठिकानों पर लौट जाते हैं। इसका कारण घुसपैठ रोधी मजबूत ग्रिड हो सकता है। यह पूछे जाने पर क्या भारत और चीन के बीच लद्दाख सेक्टर में तनाव बढ़ने के मद्देनजर पाकिस्तान एलओसी पर अपने सैनिक एकत्र कर रहा है, जनरल राजू ने कहा, हमने अब तक इस तरह का कोई प्रयास नहीं देखा है, लेकिन मैं आश्वस्त कर दूं कि हम किसी भी स्थिति के लिए तथा करारा जवाब तैयार देने के लिए तैयार हैं।

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