नई दिल्ली। ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को राज्यों से अनुरोध किया कि वे सीएएमपीए कोष का इस्तेमाल खास तौर पर वनरोपण के लिए करें न कि वेतन के भुगतान के लिए।
राज्यों के वन मंत्रियों के साथ एक डिजिटल बैठक में जावड़ेकर ने कहा कि क्षतिपूरक वनीकरण प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) कोष का 80 प्रतिशत सिर्फ वनरोपण और पौधरोपण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा जबकि शेष का इस्तेमाल क्षमता निर्माण के लिए किया जाएगा।
बैठक का विवरण साझा करते हुए जावड़ेकर ने कहा, राज्यों के वन मंत्रियों की बैठक में एक बार फिर जोर दिया कि राज्यों को सीएएमपीए कोष का इस्तेमाल विशिष्ट रूप से वनरोपण और पौधरोपण के लिए करना चाहिए। सीएएमपीए कोष का इस्तेमाल वेतन के भुगतान, यात्रा भत्तों, चिकित्सा खर्चों आदि के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, सीएएमपीए कोष की 80 प्रतिशत रकम का इस्तेमाल वनरोपण और पौधरोपण के लिए किया जाना चाहिए। शेष 20 प्रतिशत का इस्तेमाल क्षमता निर्माण आदि के लिए हो। राज्यों के साथ बैठक में पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार बनों की गुणवत्ता और वृक्ष आच्छादन बढ़ाने पर ध्यान दे रही है जिससे कार्बन स्टॉक (वातावरण से कार्बन को समेटने की क्षमता) को बढ़ाया जा सके।
इसके लिए नीतियों और कार्यक्रमों में व्यापक बदलाव करने होंगे। जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रालय ने कई पहल की हैं जिनमें बड़े पैमाने पर पौधरोपण, नगर वन योजना के तहत शहरी क्षेत्र में वनावरण बढ़ाना आदि शामिल है। जावड़ेकर ने कहा, मंत्रालय जल्द ही स्कूल नर्सरी योजना को लागू करने की घोषणा करने जा रहा है।





