विशेष संवाददाता लखनऊ। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि यूपी सरकार की स्वास्थ्य मेला, ई-रुपी आदि योजनाओं को केन्द्र सरकार पूरे देश में लागू करेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सभी का लक्ष्य है कि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को सम्पूर्ण आरोग्य की सुविधा दी जाए।
मांडविया ने यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और बाद में रायबरेली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का दौरा करके वहां कई इकाइयों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, कि हम सभी का लक्ष्य है कि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को सम्पूर्ण आरोग्य की सुविधा दी जाए। उत्तर प्रदेश ने इस दिशा में अनेक प्रयास किये हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भारत सरकार की टीम के उत्तर प्रदेश आगमन पर अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 के पहले राज्यों के अधिकारी दिल्ली की परिक्रमा किया करते थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती थी। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्री स्वयं राज्यों में भ्रमण कर उनकी आशा, अपेक्षा और आवश्यकताएं जान रहे हैं और उसी अनुरूप निर्णय ले रहे हैं। यह संवैधानिक व्यवस्थाओं के पालन का बेहतरीन उदाहरण है।
इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 40 वर्षों में 50 हजार से ज्यादा बच्चे इस बीमारी के कारण असमय काल कवलित हो गए। आज एईएस के रोग मृत्यु दर में 95 प्रतिशत की कमी आ चुकी है, जबकि जेई के रोगियों की मृत्यु 96 प्रतिशत तक कम हुई है। आशा बहनों और एएनएम के सहयोग से हमने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करने का कार्य किया।
बाद में, मांडविया रायबरेली जिले में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे और आपातकालीन विभाग, नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई तथा बाल गहन चिकित्सा ईकाई का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने एम्स परिसर में खुली अमृत फार्मेसी का भी निरीक्षण किया। साथ ही वहां मौजूद मरीजों और तीमारदारों से बात की। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बाद में संवाददताओं से बातचीत में कहा कि बैठक में दिये गये प्रस्तुतीकरण में पेश की गयी राज्य सरकार की कई योजनाओं को एक मॉडल के तौर पर पूरे देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, कि प्रदेश के प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर हर हफ्ते स्वास्थ्य मेला लगता है।
इसमें ढाई से तीन लाख गरीब लोगों का इलाज होता है। इस मॉडल को हम पूरे देश में लागू करेंगे ताकि सारे देश में भी हर सप्ताह स्वास्थ्य मेला लगाया जाए। उन्होंने कहा, कि सरकार ने टीकाकरण पर नजर रखने के लिये डिजिटल प्लेटफार्म बनाया है जो बहुत अच्छा है। सभी अस्पतालों में आॅपरेशन थियेटरों का कितना इस्तेमाल हो रहा है, इसकी सूचना के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने एक पोर्टल तैयार किया है।
इसे हम राष्ट्रीय स्तर पर लागू करेंगे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, कि स्वास्थ्य योजनाओं के लाभार्थियों को राज्य सरकार ई-रुपी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में धन दे रही है। ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है। ई-रुपी योजना को भी हम पूरे देश में लागू करेंगे। उत्तर प्रदेश जिस तरह स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव कर रहा है, मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में राज्य के नागरिकों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
मांडविया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि माना जा सकता है कि कोरोना महामारी खत्म हो चुकी है लेकिन देश में अब भी इसके इक्का-दुक्का मामले सामने आ रहे हैं, इसलिये सतर्क रहना जरूरी है। कोविड के दौरान अस्थायी रूप से रखे गये और बाद में हटाये गये वैज्ञानिकों एवं तकनीशियनों के समायोजन की सम्भावनाओं के सवाल पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोई साफ जवाब नहीं देते हुए कहा, अस्थाई आधार पर श्रमशक्ति को रखा गया था, अगर सरकार के उपास उनका उपयोग है तो ऐसा किया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी के बारे में पूछे गये एक सवाल पर मांडविया ने कहा, कि मेडिकल कॉलेज में सीटें बढ़ायी गयी हैं।
मेडिकल के छात्र पांच साल बाद चिकित्सक बनकर सामने आयेंगे तो चिकित्सकों की कमी पूरी होगी। राज्य सरकारें भी चिकित्सकों की नियुक्ति कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 जुलाई को राजस्थान के सीकर में दो कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। पहले कार्यक्रम में वह किसान सम्मान निधि की 14वीं किस्त सभी किसानों के बैंक खाते में डालेंगे और दूसरा, किसानों को खाद से लेकर मिट्टी की जांच तक तमाम सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने के लिये एक लाख 25 हजार किसान समृद्धि केन्द्रों का लोकार्पण करेंगे।
इससे पहले, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के बेहतर क्रियान्वयन के प्रयासों का जिक्र किया। मांडविया ने कहा कि उनका मानना है कि राज्य सरकारें स्वास्थ्य के क्षेत्र में केन्द्र सरकार के धन का उचित उपयोग करें। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के मुताबिक 2025 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद के ढाई प्रतिशत हिस्से के बराबर धन स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करना है। मांडविया ने कहा, कि अच्छे अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जाए। पिछले साल मैंने अच्छी सेवाओं वाले अस्पतालों के संचालकों की बैठक बुलायी थी। उस वक्त इन अस्पतालों ने सरकार की नियमों और प्रक्रियाओं की जटिलता का हवाला दिया था।
हमने उनके सुझावों पर बदलाव भी किये। अगर हम अच्छे अस्पतालों को प्रोत्साहित करके सूचीबद्ध करेंगे तो आयुष्मान भारत योजना का क्रियान्वयन अच्छी तरीके से हो सकता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने स्वास्थ्य सम्बन्धी योजनाओं के क्रियान्वयन के मामले पर यूपी सरकार की प्रगति की सराहना की।