ग्रीन जोन में ही जांची जायेंगी यूपी बोर्ड की कॉपियां

  • बीमार, अशक्त और बुजुर्ग शिक्षकों को रखा गया मुक्त
  • यूपी बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं का आज से शुरू होगा मूल्यांकन

लखनऊ। रेड और आरेंज जोन में आने वाले मूल्यांकन केंद्रों पर बोर्ड की कापियां नहीं जांची जायेंगी। मंगलवार से सिर्फ ग्रीन जोन में ही मूल्यांकन शुरू होगा। यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अब चरणबद्ध तरीके से होगा। आरेंज व रेड जोन के लिए आदेश बाद में जारी किये जाएंगे। साथ ही कॉपियों के मूल्यांकन से बीमार, अशक्त और बुजुर्ग शिक्षकों को मुक्त रखा गया हैं। इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये हैं।

सरकार ने आरेंज व रेड जोन में शिक्षकों के आने-जाने में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए यह निर्णय लिया है क्योंकि यहां सार्वजनिक वाहनों पर प्रतिबंध है। मूल्यांकन की घोषणा होते ही शिक्षकों ने इसके बहिष्कार की घोषणा कर दिया था। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत शिक्षक-शिक्षिकाओं के मूल्यांकन स्थल तक पहुंचने की थी।

कई शिक्षक-शिक्षकाओं को मूल्यांकन केन्द्र तक पहुंचने में 30-80 किमी तक का सफर करना पड़ता। ज्यादातर जिलों में 2-3 मूल्यांकन केन्द्र ही बनाए गए हैं। मूल्यांकन केन्द्र जिला मुख्यालय पर होता है लेकिन आम दिनों में भी जिलों के कस्बों में तैनात शिक्षकों को यहां तक पहुंचने में परेशानी होती है। जिन परीक्षकों की ड्यूटी लगती है, उन्हें आने-जाने के लिए सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल करना पड़ता है। मसलन बहराइच में कॉपी जांचने कैसरगंज, जरवल, महसी तक से शिक्षक आते हैं।

जीआईसी बहराइच से जरवल रोड लगभग 70, महसी लगभग 35 और कैसरगंज लगभग 45 किमी दूर है। रेड व आरेंज जोन में सार्वजनिक वाहनों के प्रतिबंध के चलते इन्हें केन्द्र तक पहुंचने में बहुत मशक्कत करनी पड़ती। ये 20 जिले ग्रीन जोन में – बाराबंकी, खीरी, हाथरस, महाराजगंज, शाहजहांपुर, अम्बेडकर नगर, बलिया, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, फरुर्खाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र और अमेठी।

तीन हजार से अधिक शिक्षक नहीं करेंगे मूल्यांकन

5 मई से शुरू हो रहे यूपी बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन से बीमार, अशक्त और बुजुर्ग शिक्षकों को दूर रखा जाएगा। सचिव नीना श्रीवास्तव ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजे गए पत्र में निर्देश दिया गया है कि जो शिक्षक शारीरिक रूप से अशक्त या अस्वस्थ्य हों या 65 साल से अधिक उम्र के हों उनसे मूल्यांकन न कराया जाए।

बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की लगभग तीन करोड़ नौ लाख कॉपियों को जांचने के लिए 146755 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है। इनमें से 3257 शिक्षक ऐसे हैं जिनकी आयु 65 वर्ष या इससे अधिक है। नई गाइडलाइन के अनुसार ये तीन हजार से अधिक शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में नहीं लगाया जाएगा।

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