लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद् में बुधवार को विपक्षी दलों ने उन्नाव काण्ड, जिसमे एक रेप पीड़िता को जला कर उसकी हत्या कर दी गयी थी, के मामले में पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोक हुई। विपक्षी दलों ने इस मामले पर सदन से वाकआउट किया। शून्य प्रहर में नेता विपक्ष अहमद हसन और सपा के अन्य सदस्यों, शतरूद्र प्रकाश, बलराम यादव आदि, ने प्रदेश में महिला उत्पीड़न, बलात्कार व यौन उत्पीड़न की घटनाओं का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाते हुए कहा कि उन्नाव की बेटी के साथ जो घटना हुयी वह शर्मनाक है।
सपा सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ तो सरकार कह रही कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जबकि दूसरी ओर प्रदेश का यह हाल है। इसी विषय से संबन्धित कॉग्रेस के दीपक सिंह की नियम-111 की और बसपा के दिनेश चन्द्र, अतर सिंह राव, सुरेश कुमार कश्यप, भीमराव अम्बेडकर, प्रदीप कुमार जाटव की सूचना को भी सम्बद्ध कर दियाा। सपा के सुनील साजन ने कहा कि उन्नाव की घटना में सरकार बलात्कारियों के साथ खड़ी दिखायी दे रही और उनको बचाने का काम कर रही है। हम सरकार से जानना चाहते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है। साथ ही मामला दर्ज करने में हुयी देरी के लिए तत्कालीन अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करेगी।
कांग्रेस के दीपक सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षा नहीं मिल पा रही है। शिकायतें दर्ज नहीं हो रही हैं। महिला उत्पीड़न की घटनाएं छिपायी जा रही हैं। उन्होंने कहा-स्याही तक सूख नहीं पाती अखबारों की, नई खबर आ जाती है बलात्कारियों की। उन्होंने आगरा, उन्नाव, मैनपुरी, औरैया, लखीमपुर, कानपुर आदि की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा बलात्कारियों के मन में सरकार का कोई डर नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने आरोप लगे कि घटनाओं को छिपाया जा रहा है। अदालत के आदेश के बाद ही एफआईआर हो रही है। बेईमानों-भ्रष्टों बेइमानों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। हालात बद् से बदतर हो गये हैं। उन्होंने कहा कि यह बात एकदम सही है की समाज में, खासतौर से महिलाओं में, भय व्याप्त है। उन्होंने आरोप लगाया की सरकार कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने आंकड़े मांगे तब पता चला की 48000 मामले हैं। उन्होंने कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट आईना दिखा रही है।