रायसेन।मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के सालेरा गाँव में एक बेहद दुर्लभ और गंभीर आनुवांशिक बीमारी, प्रोजेरिया सिंड्रोम, के मामले सामने आए हैं। इस बीमारी में बच्चों का शरीर कम उम्र में ही तेजी से वृद्ध होने लगता है। गाँव में फिलहाल तीन बच्चे इस सिंड्रोम से पीड़ित हैं, जबकि एक बच्चे की पहले ही मौत हो चुकी है।
गाँव में सबसे पहले करण सिंह की बेटी सुनीता (22 वर्ष) में इस बीमारी के लक्षण दिखे थे। इसके बाद, यह सिंड्रोम रंजीत बैरागी के परिवार में सामने आया। उनकी बेटियाँ, राजकुमारी (17 वर्ष) और रोशनी (15 वर्ष), अब बचपन में ही बुजुर्गों जैसी दिखने लगी हैं।दुर्भाग्यवश, रंजीत बैरागी के छोटे बेटे, राजकुमार, की मात्र 7 साल की उम्र में इसी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी।
चलने-फिरने में असमर्थ बच्चे, मां ने लगाई मदद की गुहार
पीड़ित बच्चों की मां गणेशी बताती हैं कि जन्म के बाद सब कुछ सामान्य था, लेकिन दो-तीन महीने में ही बच्चों के चेहरे और शरीर पर झुर्रियां दिखने लगीं। अब स्थिति यह है कि राजकुमारी चलने-फिरने में भी असमर्थ है। उन्होंने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनके बच्चों का बेहतर इलाज कराया जाए और सरकारी योजनाओं के तहत मदद मिले।
अब तक नहीं हुई बड़े स्तर पर जांच
जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रतीक शर्मा ने बताया कि करीब सात साल पहले बच्चों की जांच की गई थी, जिनमें प्रोजेरिया जैसे लक्षण पाए गए थे। लेकिन अब तक राष्ट्रीय स्तर पर जांच नहीं हो पाई है। हालांकि नेशनल पॉलिसी ऑन रेयर डिजीज के तहत इस बीमारी का प्रावधान है, फिर भी बच्चों को अभी तक इस योजना का लाभ नहीं मिल सका है।
क्या है प्रोजेरिया सिंड्रोम?
प्रोजेरिया या हचिन्सन-गिलफोर्ड प्रोजेरिया सिंड्रोम एक आनुवांशिक बीमारी है, जिसमें बच्चों का शरीर सामान्य से बहुत तेज़ी से वृद्ध होता है। इसके लक्षणों में झुर्रियां, बाल झड़ना, पतली त्वचा और कमजोर शरीर शामिल हैं। इस बीमारी से पीड़ित बच्चे आमतौर पर 13 से 16 साल तक ही जीवित रह पाते हैं।
फिल्म पा में अमिताभ बच्चन ने निभाया था ऐसा ही किरदार
बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने फिल्म पा में एक ऐसे ही बच्चे ‘औरो’ का किरदार निभाया था, जो प्रोजेरिया से पीड़ित था। फिल्म ने इस बीमारी से जूझते बच्चों की भावनाओं और संघर्ष को बखूबी दिखाया था।



 
                                    

