लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2021-23 में अभ्यर्थी की जगह साल्वर को बैठाकर परीक्षा दिलाने वाले गिरोह के दो सदस्यों को परीक्षा केन्द्र हण्डिया पोस्ट ग्रेजुएट कालेज, हण्डिया, प्रयागराज में परीक्षा देते समय गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि गिरफ्तार किये गये आरोपियों में गैंग सरगना बालेन्द्र सिंह पटेल निवासी ग्राम कुबरी, तेन्दुआ पोस्ट भड़िवार, थाना शंकरगढ़, प्रयागराज व दीक्षा उर्फ नेहा निवासी ग्राम सालेपुर सठिगवॉ, थाना चॉदपुर, जनपद फतेहपुर हैं। इनमें बालेन्द्र वर्तमान में शान्ति देवी इण्टर कालेज शंकरगढ़, प्रयागराज में हिन्दी और संस्कृत का अध्यापक है और दीक्षा एचडीएफसी बैंक में रिसेप्शनिस्ट के पर नौकरी करती है। आरोपियों के पास से ओएमआर शीट, बुकलेट (प्रश्न पत्र), प्रवेश पत्र, आधार कार्ड (अभ्यर्थिनी), आधार कार्ड (साल्वर), अदद पैन कार्ड, ड्राईविंग लाईसेन्स, 2 मोबाइल फोन व नकद 22 हजार रुपये नकद बरामद हुए हैं।
दरअसल, शुक्रवार को उत्तर प्रदेश बीएड संयुक्त परीक्षा 2021-23 के अन्तर्गत दो पालियों में आफ-लाइन लिखित परीक्षा आयोजित की गयी थी। इस सम्बन्ध में अभ्यर्थियों को बहला-फुसलाकर धनउगाही का प्रयास करने और प्रश्न पत्र लीक कराने वाले तत्वों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए एसटीएफ की टीमें लगायी गयी थीं। एसटीएफ टीम को सूचना मिली कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थी की जगह साल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश बीएड संयुक्त परीक्षा 2021-23 की परीक्षा केन्द्र हण्डिया पोस्ट ग्रेजुएट कालेज, हण्डिया, प्रयागराज में परीक्षार्थी की जगह किसी साल्वर को परीक्षा देने के लिए बैठाया है। इस पर परीक्षा केन्द्र पर जाकर चेक किया गया तो ऊषा देवी निवासिनी ग्राम व पोस्ट पचेदा, थाना कोरांव, प्रयागराज की जगह दीक्षा उर्फ नेहा को परीक्षा देते हुये पकड़ा गया। पकड़ी गई साल्वर दीक्षा द्वारा पूछताछ पर बताया गया कि इस साल्वर गैंग का सरगना बालेन्द्र सिंह पटेल परीक्षा केन्द्र के बाहर ही मौजूद है, जिस पर एसटीएफ टीम द्वारा स्कूल गेट के पास से सरगना बालेन्द्र सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ पर गिरफ्तार की गई साल्वर दीक्षा द्वारा बताया गया कि वह पिछले कई वर्षों से साल्वर गैंग से जुड़ी हुई है।
प्रयागराज में रहकर वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती थी। इसी दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले धर्मेन्द्र सिंह यादव व बालेन्द्र सिंह पटेल से मेरी मुलाकात हुई, मेल-जोल और घनिष्ठता बढ़ने के पश्चात दीक्षा को पता चला कि धर्मेन्द्र सिंह यादव और बालेन्द्र सिंह पटेल विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में साल्वर बैठाने वाले गैंग को संचालित करते हैं, जिसमें वह भी इस गैंग के साथ जुड़कर साल्वर के रूप में कार्य करने लगी। प्रत्येक परीक्षा में प्रश्न पत्रों को साल्वर के रूप में हल करने के एवज में एडवान्स के रूप में 50 हजार रुपए तथा परीक्षा पास हो जाने पर 5-6 लाख रुपए की रकम उसे मिलती है।