बलिया/लखनऊ। बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में राशन की दुकान के आवंटन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले में एसटीएफ ने मुख्य आरोपी को रविवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया। पुलिस ने इस मामले में बलिया से दो और नामजद आरोपियों सहित चार को गिरफ्तार किया है।
इस बीच मुख्य आरोपी के भतीजे की भी गोली लगने से मौत होने की सूचना मिली है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह और नामजद आरोपियों संतोष यादव और अमरजीत यादव पर पुलिस ने 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश ने रविवार को बताया, बलिया कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को लखनऊ के गाजीपुर थाना क्षेत्र के पॉलिटेक्निक चौराहे से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि सिंह से घटना में प्रयुक्त असलहों के बारे में पूछताछ की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी बलिया पुलिस को दी गई है और पूछताछ के बाद उसे बलिया पुलिस के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
एसटीएफ द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि पूछताछ में आरोपी सिंह ने बताया कि कोटे के आवंटन को लेकर पंचायत के सामने कृष्ण कुमार यादव और उनके साथियों के बीच कहासुनी हुई। दूसरे पक्ष की ओर से चली गोली लगने से उसका भतीजे गोलू सिंह और घर की 5-6 औरतें घायल हो गई। गोलू की बाद में मृत्यु हो गई।
विज्ञप्ति के मुताबिक, जवाब में इन लोगों ने गोलियां चलाईं जिसमें कृष्ण कुमार के पक्ष के जय प्रकाश पाल की मौत हो गई। पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चन्द्र दुबे ने बताया कि दुर्जनपुर की घटना से संबंधित नामजद आरोपी संतोष यादव और अमरजीत यादव को बलिया शहर कोतवाली के वैशाली क्षेत्र से सुबह गिरफ्तार किया गया।
वहीं अज्ञात में दर्ज आरोपियों में से दो बिहार के छपरा जिला निवासी धर्मेंद्र सिंह और दुर्जनपुर निवासी अजय सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस कांड के नामजद आरोपियों की सम्पत्ति गैंगस्टर कानून के तहत जब्त की जाएगी। सुभाष चंद्र दुबे ने बताया, पुलिस धीरेंद्र प्रताप को कल बलिया की अदालत में पेश कर उसकी हिरासत की मांग करेगी।
उन्होंने बताया कि इस घटना के सभी आठ आरोपियों पर गैंगस्टर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के अंतर्गत कार्रवाई होगी। पुलिस ने इस मामले में शनिवार को मुन्ना, राजप्रताप यादव तथा राजन तिवारी को गिरफ्तार किया जबकि शुक्रवार को देवेन्द्र प्रताप सिंह और नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया था। अब तक कुल 10 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
इस मामले में कुल आठ नामजद और 20 से 25 अज्ञात आरोपी हैं। दुर्जनपुर की घटना में मारे गए जयप्रकाश पाल गामा के भाई योगेंद्र पाल ने पत्रकारों से कहा कि मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी से परिवार को राहत मिली है, लेकिन भविष्य में भी अनहोनी की आशंका है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा हो, उन्हें फांसी मिले।
उन्होंने सरकार से नौकरी और 50 लाख रुपये के आर्थिक सहायता की मांग की। उन्होंने भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह पर परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया है। इसके पहले मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह (स्थानीय भाजपा नेता) का एक कथित वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उसने स्वयं को निर्दाेष करार देते हुए दावा किया है कि रेवती की घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई है तथा आधा दर्जन लोग घायल हैं।
धीरेंद्र ने शुक्रवार रात जारी वीडियो में स्वयं को पूर्व सैनिक संगठन का अध्यक्ष करार दिया। घटना को पूर्व नियोजित करार देते हुए कहा है कि उसने बैठक के पहले ही बवाल होने की आशंका जताई थी, लेकिन अधिकारियों ने उसपर कोई ध्यान नहीं दिया।
वहीं बलिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने रेवती कांड में दूसरे पक्ष की तहरीर पर एक सप्ताह के भीतर मामला दर्ज करने की मांग करते हुए कहा है कि ऐसा नहीं होने पर वह समर्थकों के साथ रेवती थाने पर धरना देंगे। रविवार को बातचीत में विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ चैनलों में यह बात आई है कि उन्हें लखनऊ में पार्टी नेतृत्व ने तलब किया है लेकिन ऐसा नहीं है। सुरेंद्र ने कहा, मैं खुद लखनऊ आ रहा हूं और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मिलकर घटना के तथ्यों से अवगत कराऊंगा और साक्ष्य उपलब्ध कराऊंगा।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने रविवार को भाजपा विधायक की भूमिका पर सवाल उठाते हुए ट्वीट कर मुख्यमंत्री से प्रश्न किया, क्या वह अपराधी के साथ खड़े इस विधायक के पक्ष में हैं। अगर नहीं तो यह अब तक भाजपा में क्यों बना हुआ है। कांग्रेस महासचिव के ट्वीट पर पलटवार करते हुए प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने कहा है कि प्रियंका का दोहरा चरित्र है। प्रियंका को सबसे पहले कांग्रेस नेता पी चिदंबरम द्वारा कश्मीर में धारा 370 लागू होने को लेकर दिए गए बयान पर ट्वीट करना चाहिए।
उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश अब केवल चंद यादवों के नेता रह गए हैं। उन्होंने कहा, अखिलेश यादव बलिया में सपा का प्रतिनिधि मंडल भेजते हैं। लेकिन 30 जून को विशम्भर यादव ने राजेश सिंह की कथित रूप से हत्या की, उसपर कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा। संवेदना के एक शब्द सपा के किसी नेता ने व्यक्त नहीं किया।
गौरतलब है कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में गुरुवार को सरकारी राशन दुकान के चयन के दौरान गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी तथा कई लोग घायल हो गए थे। इस मामले को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई तथा समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है।





