कोलकाता। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया चालू वित्त वर्ष के दौरान आठ से साढे आठ करोड़ टन आयातित कोयले के बदले घरेलू आपूर्ति का विकल्प उपलब्ध कराएगी। इसके लिए वर्ष के दौरान कोल इंडिया कोयले की अधिक घरेलू आपूर्ति करेगी।
कोल इंडिया के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी ने तटीय क्षेत्र के बिजली संयंत्रों से कोयला आपूर्ति को लेकर उनसे प्रस्ताव सौंपने को कहा है। संयंत्रों को आने वाले महीनों में कोयला आपूर्ति में कितनी वृद्धि होनी है इसके बारे में उनसे प्रस्ताव देने को कहा है ताकि कोयला आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा बचाई जा सके।
कोल इंडिया के विपणन निदेशक एस एन तिवारी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, इस साल हम आठ से साढे आठ करोड़ टन आयात किए जाने वाले कोयले के स्थान पर घरेलू आपूर्ति का विकल्प उपलब्ध कराएंगे। हमने तटीय क्षेत्रों में स्थित बिजली संयंत्रों से कहा है कि वह आगे घरेलू आपूर्ति के लिय हमें और रेलवे को प्रस्ताव सौंपें।
अधिकारी ने कहा कि देश में 2019-20 में 24.80 करोड़ टन कोयला आयात किया गया। इस आयात पर देश से एक लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा खर्च हुई। तिवारी ने कहा कि आयात के मुकाबले घरेलू कोयला आपूर्ति को खरीदारों के लिए आकर्षक बनाने के वास्ते सरकार कोयले की गुणवत्ता और भाड़े के मामले में कुछ रियायतें देने पर भी विचार कर सकती है।





