लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में माफियाराज को लेकर अपने संकल्प को जता दिया है। अब आलम यह है कि प्रदेश में माफिया खुद शपथ पत्र देकर सुधरने की बात कर रहे हैं। इसी वजह से मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘एक दौर था, जब यहां शासन-प्रशासन, गुंडों और माफियाओं की मनमानी से चलता था, लेकिन अब वसूली करने वाले, माफियाराज चलाने वाले सलाखों के पीछे हैं’।
मुख्यमंत्री योगी ने पिछली साढ़े चार साल में माफियाओं की कमर तोड़ दी है। प्रदेश में पहली बार पेशेवर माफिया, भू-माफिया, खनन माफिया, मादक पदार्थ व शराब माफिया, शिक्षा माफिया और अन्य माफिया को चिह्नित कर कार्रवाई की गयी है। पिछली सरकारों में इन माफिया की तूती बोलती थी और सरकारें इनके संरक्षण में खड़ी रहती थीं। जबकि जुलाई तक ऐसे कुल 3,371 माफिया चिह्नित किये गये हैं, जिन पर 19,121 मुकदमे दर्ज किये गये हैं और 2,281 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 42 आरोपियों के खिलाफ रासुका, 1,530 पर गैंगेस्टर, 67 आरोपियों की कुर्की की गयी है। इसके अलावा 1,030 आरोपियों के खिलाफ गुंडा एक्ट और 911 आरोपियों की हिस्ट्रीशीट खोली गयी है। साथ ही 44 आरोपियों के शस्त्र निरस्त किये गये हैं।
मुख्यमंत्री योगी के सख्त तेवरों के कारण पुलिस अपराधियों के खिलाफ एक्टिव हुई और एनकाउंटर में करीब 151 अपराधी मारे गये और 3,196 घायल हुए। पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट में 42 हजार से ज्यादा और करीब 644 आरोपियों पर रासुका के तहत कार्यवाही की है। माफिया और अपराधियों पर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्यवाहियों से कई जगहों पर आरोपी खुद सरेंडर करने थाने पहुंच गये। साथ ही कुछ अपनी जमानत तुड़वाकर जेल पहुंच गये। पुलिस ने माफिया पर चौतरफा कार्यवाही की है। माफिया पर कानूनी शिकंजे के साथ अवैध तरीके से कमाई गयी संपत्ति को भी जब्त और ध्वस्त किया है। प्रदेश में पहली बार गैंगेस्टर एक्ट के तहत करीब 19 सौ करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त या ध्वस्त किया है।