- बिना किसी का नाम लिये विपक्ष पर आक्रामक रहे मुख्यमंत्री
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्निवार को विधानसभा में बिना किसी का नाम लिये विपक्ष पर आक्रामक रहे। उन्होंने ब्राह्मण सियासत, परशुराम पॉलिटिक्स, कोरोना संक्रमण और कानून व्यवस्था को लेकर उठाये जा रहे सवालों पर विरोधियों को करारा जवाब दिया। योगी ने कहा कि राम और परशुराम में तात्विक रूप से कोई भेद नहीं है, दोनों विष्णु के अवतार हैं। बस कुछ लोगों की बुद्धि में भेद है।
कहा कि तात्विक रूप से शास्त्रों ने इनमें कोई भेद नहीं माना है। लोक भाषा में संत तुलसीदास ने बहुत अच्छे ढंग से इसकी विवेचना की है, बहुत अच्छे ढंग से इसको प्रस्तुत किया है। जब धनुष भंग के समय भगवान परशुराम पधारते हैं तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मुंह से उन्होंने कहला दिया, राम मात्र लघु नाम हमारा, परसु सहित बड़ा नाम तोहारा। देव एकु गुनु धनुष हमारें, नव गुन परम पुनीत तुम्हारे। सब प्रकार हम तुम्ह सन हारे, छमहु बिप्र अपराध हमारें।
भगवान राम की ही मर्यादा है कि वह भगवान परशुराम के प्रति सम्मानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए कहते हैं कि ‘हे देव, हमारे तो एक ही गुण धनुष हैं लेकिन आपमें तो परम पवित्र शम, दम, तप, शौच, क्षमा, सरलता, ज्ञान, विज्ञान और आस्तिकता यह सभी नौ गुण हैं। हम तो सब प्रकार से आपसे हारे हैं, क्योंकि आप विप्र हैं। हमारे अपराधों को क्षमा कीजिये।’ यह भगवान राम ही कह सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने राम सेतु का विरोध किया था, जिन्होंने नागरिकता कानून के नाम पर देश की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया था, इस समाज को बांटने का प्रयास किया था। ऐसे लोग आज फिर से अपनी विभाजनकारी और कुत्सित राजनीति के जरिये समाज को विभाजित करने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलायी थीं। ये वही लोग हैं जो आज जातिवाद का नारा दे रहे हैं, जातीयता का झंडा लेकर चल रहे हैं।
ये वही लोग हैं जो जब सत्ता में आते हैं तो कन्नौज के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता नीरज मिश्र का सिर काटकर ब्रीफकेस में अपने यहां मंगाते हैं और उस शर्मनाक घटना के बाद भी जनता से माफी नहीं मांगते। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो तिलक और तराजू की बात करके समाज को बार-बार गाली देते थे और, आज उत्साह और उमंग के इस माहौल में, किस प्रकार नये रूप में जहर घोलने का काम कर रहे हैं।
कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की कार्यवाही एक अभूतपूर्व घटना है। आने वाले समय के लिए इसे और भी स्मरणीय बनाने के लिए हम नये प्रयास के साथ अयोध्यापुरी के विकास की नयी रूप-रेखा तैयार कर रहे हैं। पर, अभी अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर के लिए प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गये कार्य के प्रसाद को हर प्रदेश तक और हर जनप्रतिनिधि तक पहुंचाने के अभिनव कार्य को अपने हाथों में लेना है। देश-दुनिया में यह प्रसाद सब तक पहुंचना ही चाहिए।