पुस्तक विमोचन संग बिखरी भरतनाट्यम की अनोखी छटा

भातखण्डे में विश्व नृत्य दिवस धूमधाम से मनाया गया
लखनऊ। कुलपति प्रो. मांडवी सिंह के निर्देशन में भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय में विश्व नृत्य दिवस बहुत धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर डॉ. रुचि खरे की लिखित पुस्तक का विमोचन हुआ। डॉ.रुचि खरे की पुस्तक थेराप्यूटिक मैजिक आॅफ कथक उनके शोध ग्रंथ पर आधारित है जिसके लिए उन्हें भातखण्डे संगीत संस्थान समविश्वविद्यालय द्वारा सन् 2013 में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई थी।


डॉ.रुचि खरे ने अपनी शोध निर्देशक डॉ.पूर्णिमा पाण्डेय, वरिष्ठ गुरु एवं कथक नृत्यांगना तथा डॉ.सिद्धार्थ कुमार दास तथा डॉ.नरेंद्र देव के संयुक्त निर्देशन में यह शोध ग्रंथ पूर्ण किया। उन्होंने कथक को एक उपचार की दृष्टि से देखने का प्रयास किया है। इसमें आपने फाइब्रोमाइलजिया बीमारी के मरीजों पर कथक नृत्य पर आधारित एक थेरेपी को एप्लाई किया और 3 महीने तक उसके प्रभाव को देखकर अपने निष्कर्ष में पाया कि जिन मरीजों को दवाई के साथ कथक थेरेपी दी गई उनका स्वास्थ्य केवल दवाई पर अवलंबित मरीजों से कहीं बेहतर था। इस प्रकार डॉ.रुचि ने कथक के माध्यम से उपचार की संभावनाओं को देखने का प्रयास किया है तथा भावी शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए शोध के कई आयाम भी खोलने का प्रयास किया है।
लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, पद्मश्री विद्या बिंदु सिंह, कुलपति प्रो. मांडवी सिंह ने डॉ.रुचि खरे की पुस्तकका विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में पं. बिरजू महाराज कथक संस्थान डॉ.कुमकुम धर, डॉ.पूर्णिमा पाण्डे, पं. राम मोहन महाराज लखनऊ घराने के प्रतिनिधि कलाकार विभागाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र दत्त बाजपेई, प्रो. सृष्टि माथुर एवं डॉ. मनोज कुमार मिश्र उपस्थित रहे। इसके साथ ही पंडित धर्मनाथ मिश्रा, डॉ.वीना सिंह और कुलसचिव भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय डॉ.सृष्टि धवन भी उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम की नृत्य प्रस्तुतियों की शुरूआत भारतनाट्यम से हुई। जिसमें विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर वर्ग की छात्र अनंत शर्मा, वैष्णवी मिश्रा और स्नातक की छात्रा प्रिया ने भाग लिया। उन्होंने आलारिप्पू, तिल्लाना, शरबदम और मल्लारी जैसे शास्त्रीय नृत्य अंगों की सुंदर प्रस्तुति दी। भारतनाट्यम प्रस्तुति में नगुवांगम ज्ञानेंद्र दत्त बाजपेयी, मृदंगम पर सुधीर कुमार, स्वर के लिए ललिता गणेश और वायलिन पर शिंजरी साहू ने संगत दी। इसके उपरांत कथक की मनोहारी प्रस्तुतियां नृत्य विभाग की शिक्षिकाओं डॉ. प्रियंका यादव एवं डॉ. प्रेरणा राणा ने दी। इनकी प्रस्तुति में काली स्तुति, पारंपरिक शुद्ध नृत्य और तीनताल में अभिनय अंग ठुमरी प्रस्तुति का प्रदर्शन किया गया। इस कथक प्रस्तुति के सहयोगी कलाकारों में तबले पर विकास मिश्रा, स्वर एवं हारमोनियम पर आरिफ खान सारंगी पर मनीष मिश्रा और पदांत पर अंशिका कटारिया मौजूद रहे।

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