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अस्पताल में भर्ती कोविड-19 रोगियों के परिवार को जानकारी देने के लिए उठाये कदमों के बारे बताया जाये: अदालत

नयी दिल्ली। उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से कहा कि वह कोविड-19 रोगियों को अस्पतालों में उपलब्ध कराए जा रहे उपचार और उनकी स्थिति की परिवार के सदस्यों या तीमारदारों को जानकारी देने के मुद्दे पर उठाए गए कदमों के बारे में बताए।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया कि इस संबंध में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और समय दिया जाए।

 

पीठ ने कहा कि सरकार के हलफनामे में इस संबंध में उनके द्वारा उठाए गए सभी कदम और भविष्य की योजना को शामिल किया जाये और मामले को 31 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। उच्च न्यायालय ने 27 मई को एनजीओ मानव आवाज ट्रस्ट की याचिका पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगे थे। एनजीओ ने कहा था कि फिलहाल परिवारों को बस मरीज की मौत या अस्पताल का शुल्क जमा करने की मांग संबंधी खबर मिलती है।

 

एनजीओ ने कहा था मरीज की स्थिति के बारे में रोजाना जानकारी से शासन तंत्र पर विश्वास एवं भरोसा पैदा होगा। उसने अदालत से अनुरोध किया था कि वह दिल्ली सरकार को मरीजों की स्थिति, उसके इलाज, उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों के बारे में उनके परिवार के सदस्यों को हर 24 घंटे पर जानकारी देने के संबंध में नीति औराया दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दे। याचिका में कहा गया है कि मरीज की स्थिति रिपोर्ट से उनके परिजन को व्हाट्सअप, एसएमएस, ई-मेल या किसी अन्य प्रकार से अवगत कराया जा सकता है या परिजन को एक निर्धारित समय पर रोजाना अस्पताल से रिपोर्ट हासिल करने का विकल्प दिया जा सकता है।

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