सेंसेक्स 256 अंक चढ़ा, L&T के शेयर में उछाल, रुपया कमजोर, डॉलर के मुकाबले 87 के नीचे फिसला

मुंबई। देश के शेयर बाजारों ने बुधवार को सकारात्मक शुरुआत की, जहां बीएसई सेंसेक्स 256.57 अंकों की बढ़त के साथ 81,594.52 अंक पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 69.30 अंक की तेजी के साथ 24,890.40 अंक पर खुला। इस बढ़त के पीछे बुनियादी ढांचा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के शेयरों में जबरदस्त लिवाली को प्रमुख कारण माना जा रहा है।

L&T में 4% से अधिक की तेजी
सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से लार्सन एंड टुब्रो के शेयर में चार प्रतिशत से अधिक की तेजी देखी गई, जिससे बाजार में उत्साह का माहौल बना। इसके अलावा भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी और बजाज फिनसर्व के शेयर भी लाभ में रहे।

हालांकि कुछ दिग्गज कंपनियों के शेयरों में गिरावट भी दर्ज की गई। टाटा मोटर्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इटर्नल (पूर्व में जोमैटो) और इन्फोसिस के शेयर नुकसान में रहे।

एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख
एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख देखने को मिला। जापान का निक्की 225 और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे, जबकि चीन का शंघाई एसएसई कम्पोजिट और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी फायदे में बंद हुए। उधर, अमेरिकी बाजार मंगलवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे, जिससे वैश्विक निवेश धारणा पर असर पड़ा।

ब्रेंट क्रूड में हल्की गिरावट, निवेशक सतर्क
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया। ब्रेंट क्रूड 0.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72.50 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। दिन के दूसरे सत्र में यह 0.11 प्रतिशत की बढ़त लेकर 72.59 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

एफआईआई की बिकवाली जारी
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार बिकवाली के मूड में हैं। मंगलवार को उन्होंने शुद्ध रूप से 4,636.60 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार पर दबाव बना रहा।

रुपया डॉलर के मुकाबले 87 के नीचे फिसला
विदेशी मुद्रा बाजार में भी भारतीय निवेशकों के लिए चिंताजनक खबर रही। बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.15 के निचले स्तर तक फिसल गया, जो पिछले बंद भाव से 24 पैसे की गिरावट को दर्शाता है। इससे पहले मंगलवार को भी रुपया 21 पैसे टूटकर 86.91 पर बंद हुआ था, जो पिछले चार महीनों में सबसे कमजोर स्तर था।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि आयातकों द्वारा डॉलर की बढ़ती मांग, माह के अंत में डॉलर निकासी, और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के चलते रुपये पर दबाव बना हुआ है। साथ ही, विदेशी निवेशकों की निरंतर निकासी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।

डॉलर सूचकांक में गिरावट
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.77 पर आ गया है, जिससे वैश्विक मुद्रा बाजारों में अस्थिरता बनी हुई है।

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