करीब दो दशक पूर्व एयर इंडिया के विमान अपहरण कांड में कश्मीर की जेल से रिहा होने के बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन बनाया और इसके बाद से ही भारत उसके निशाने पर है। विधानसभा, संसद, अक्षरधाम, लाल किला से लेकर पुलवामा तक के हमले में जैश-ए-मोहम्मद और उसका सरगना मसूद अजहर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल रहा है। उसकी सारी आतंकी हरकतें भारत पर केन्द्रित हैं। ऐसे में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद के अयोध्या पर हमले की साजिश को समय पर ट्रैक कर एक तरह से सुरक्षा बलों को सावधान करने का काम किया है।
खुफिया जानकारी के मुताबिक अयोध्या पर हमले कोअंजाम देने के लिए नेपाल के रास्ते जैश ए मोहम्मद के सात आतंकवादी नवम्बर में ही देश में घुस चुके हैं। यह सूचना निश्चय ही चिंताजनक और कड़ी चेतावनी भी है कि अगर सुरक्षा व्यवस्था में जरा भी चूक हुई तो आतंकवादी देश की शांति में खलल डालने के लिए तैयार बैठे हैं। अयोध्या पर पहले भी आतंकवादी हमला हो चुका है। पांच जुलाई 2005 को लश्कर ए तैयबा के पांच आतंकवादियों ने बाबरी विध्वंस का बदला लेने के इरादे से अयोध्या पर फिदायीन हमला किया था, लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता के चलते आतंकवादी गर्भगृह के निकट भी नहीं फटक सके और घंटों चली मुठभेड़ में लश्कर के सभी पांचों आतंकी मारे गये थे।
पांच फिदायीन आतंकियों का हमला विफल होने के बाद अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गयी थी। लेकिन आतंकवादी जब पठानकोट, उरी या पुलवामा जैसी घटना को अंजाम दे सकते हैं, तो अयोध्या भी उनके निशाने पर अवश्य होगी। वैसे भी जिस जैश ए मोहम्मद के सात आतंकियों की देश में घुसने की सूचना मिली है, वह भारत पर हमला करने के लिए ही बनाया गया है। इस समय अयोध्या जैश के निशाने पर इसलिए भी होगी कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने जैश के आतंकी कैंप पर हवाई हमला करके उसके प्रशिक्षण शिविरको तबाह कर दिया था। इसमें तीन सौ आतंकियों के मारे जाने का अनुमान लगाया गया था। पाकिस्तान में घुसकर जैश के कैंप तबाह करने के साथ ही भारत ने जैश के वित्तीय स्रोतों पर भी प्रहार किया है और बताया तो यहां तक जाता है कि पाकिस्तान में भी वह भारत के निशाने पर है।
शायद इसीलिए पाकिस्तान की सरकार जैश सरगना मसूद अजहर को मिलिट्री ठिकानों पर सुरक्षित रखे हैं। ऐसे में अयोध्या पर हमला करने के पीछे जैश की राण्नीति संभवत: पुनर्जीवन और अंतर्राष्ट्रीय प्रचार पाने की हो सकती है। हाल के दिनों में अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसल ेके बाद यह विवाद भारत में खत्म हो गया है। इसलिए जैश अगर अयोध्या पर हमला करने में सफल होता है, तो इससे वह एक बार फिर मजबूत होकर उभर सकता है। अत: जैश ए मोहम्मद की साजिशों से देश की सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही प्रत्येक नागरिक को भी सतर्क रहना होगा। अयोध्या, काशी, मथुरा, गोरखपुर, लखनऊ के साथ अन्य तमाम संवेदनशील जगहों पर कड़ी सुरक्षा, सतर्कता और निगरानी करनी होगी ताकि अगर कोई आतंकी हरकत हो, तो सुरक्षा बलों का रिस्पांस 2005 जैसा ही हो।