– सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक व कर्मचारियों को यथाशीध्र भुगतान की मांग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं विधान परिषद में नेता शिक्षक दल ओम प्रकाश शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को पत्र लिखकर 31 मार्च को सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक और कर्मचारियों को पेंशन व जीपीएफ आदि देयकों का यथाशीघ्र भुगतान कराये जाने और शिक्षकों व कर्मचारियों के मंहगाई तथा प्रतिकर भत्ता की कटौती पर पुनर्विचार कर उसे बहाल किए जाने की मांग की है।
संगठन के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना के नाम पर शिक्षकों व कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार के भत्तों से तो वंचित किया जा रहा है लेकिन जीपीएफ जैसी धनराशि सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों को उपलब्ध नही है। पेंशन निर्धारण में विलम्ब है कहा जा रहा है कि पेंशन सम्बन्धी अभिलेख कार्यालयों में उपलब्ध नही हैं। इस प्रकार अनेक परिवार संकटग्रस्त स्थिति में ही रहेगें।
शर्मा ने अपने पत्र में कहा है कि प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों की आशाओं व आकांक्षाओं के विपरीत प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार के निर्णय का अनुसरण करके मंहगाई भत्ता स्थगित ही नही किया बल्कि जुलाई 2021 तक शिक्षकों व कर्मचारियों को मंहगाई भत्ते से वंचित कर दिया है।
केन्द्र सरकार अर्थ व्यवस्था के सुधार के उपाय न करके शिक्षकों व कर्मचारियों को कोरोना के विरुद्ध निर्भीकता के साथ संघर्ष करने का इनाम दे रही है और प्रदेश सरकार ने भी इसमें अपना सहयोग सम्मिलित करके कर्मचारियों को इनाम स्वरूप (ताली और थाली) बजाकर सम्मानित किया है। नगर प्रतिकर भत्ता समाप्त करके सरकार ने यह संकेत दे दिए हैं कि शिक्षक व कर्मचारी आवासीय भत्ते से वंचित होने के लिए तैयार रहें।
उन्होंने कहा है कि सरकार की समस्त कार्यवाही एक पक्षीय है, जिसे संविधान विरोधी के अतिरिक्त कोई संज्ञा दिया जाना सम्भव प्रतीत नही हो रहा है। शिक्षकों और कर्मचारियों ने लम्बे-लम्बे संघर्षों और महत्वपूर्ण बलिदानों के बाद ही भत्तों व सेवा शर्तों को अर्जित किया है। एक पक्षीय आधार पर भत्तों से वंचित कर देना किसी भी कल्याणकारी सरकार के लिए औचित्यपूर्ण कदम नही कहा जा सकता है। यह कार्यवाही कर्मचारियों की ओर से उत्साहपूर्ण सहयोग त्यागने की दिशा में हतोत्साहन की ओर अग्रसर कर रही है।