नयी दिल्ली। यूरोप के अहम देशों में से एक स्वीडन ने शुक्रवार को कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय सौर संगठन के लिए मसौदा समझौते का समर्थन किया है। अंतरराष्ट्रीय सौर संगठन (आईएसए) भारत की पहल है जिसका मकसद नवीकरणीय ऊर्जा और विकास को बढ़ावा देना है।
भारत में स्वीडन के राजदूत क्लास मोलिन ने कहा कि स्वीडन आईएसए में शामिल हो कर प्रसन्नता महसूस कर रहा है। मोलिन ने कहा कि स्वीडन को उम्मीद है कि वह जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों से पार पाने के लिए आईएसए में चर्चा के दौरान नवीकरणीय ऊर्जा तथा स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव को साझा कर सकेगा।
उन्होंने कहा, स्वीडन आईएसए में शामिल हो कर प्रसन्नता का अनुभव कर रहा है। प्रधानमंत्री लोफ्वान और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई पिछली बैठक में स्वीडन के प्रधानमंत्री ने वैश्विक सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया था। उन्होंने कहा, एक अहम ढांचे के रूप में आईएसए का गठन और विकास, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत इसमें अग्रणी भूमिका निभाता है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और स्वीडिन के प्रधानमंत्री के बीच एक आनलाइन शिखर सम्मेलन हुआ था जिसमें नवाचार, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही गई थी और स्वीडन का आईएसए को समर्थन इसके चार माह बाद आया है।
भारत में स्वीडन के दूतावास ने एक बयान जारी करके कहा कि स्वीडन ने अंतरराष्ट्रीय सौर संगठन का समर्थन किया है और आईएसए में उसकी सदस्यता 17 जुलाई से प्रभावी हो गई है। आईएसए के महानिदेशक अजय माथुर ने कहा कि वह स्वीडन का आईएसए में स्वागत करके प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह आईएसए और स्वीडन के बीच रणनीतिक साझेदारी का आरंभ बिन्दु है। मुझे विश्वास है कि हम सौर ऊर्जा के जरिए सभी के लिए सतत, समतामूलक भविष्य हासिल कर सकते हैं।