जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण सोमवार सुबह कटरा में माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन हुआ। यह भूस्खलन सुबह करीब 8 बजे यात्रा के शुरुआती बिंदु बाणगंगा क्षेत्र के पास हुआ, जहाँ ज़्यादातर टट्टू सवार पुराने मार्ग पर इकट्ठा होते हैं। इस भूस्खलन के कारण कई तीर्थयात्री घायल हो गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कटरा से भवन जाने वाले पुराने यात्रा मार्ग पर स्थित बाणगंगा क्षेत्र में अचानक पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर और मलबा गिर गया, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
बीएमओ (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर) रशपाल बंगोत्रा ने बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। 6 श्रद्धालु घायल अवस्था में मेरे पास आए, जिनमें से 4 को हड्डी संबंधी चोटें थीं, और हमने उन्हें नारायणा में स्थानांतरित कर दिया है। हमें यह सूचना सुबह के आसपास मिली, और 15 मिनट में श्रद्धालु हमारे पास आ गए। घायलों के परिवार के सदस्यों ने कहा कि हम कल ही अमरनाथ यात्रा से यहाँ आए थे और वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन करने जा रहे थे। सुबह जब हम घोड़ों के लिए टिकट बुक कर रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। पहले पत्थर गिर रहे थे, फिर अचानक भूस्खलन हुआ, भगदड़ मच गई और मेरी माँ का पैर टूट गया। कई श्रद्धालु भूस्खलन में दब भी गए।
पिट्ठू वाहकों, पालकी सेवा प्रदाताओं, श्राइन बोर्ड के कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों सहित बचाव दलों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया और चार फंसे हुए तीर्थयात्रियों को बचाकर अस्पताल पहुँचाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भूस्खलन के कारण यात्रा मार्ग पर बने आश्रय स्थल भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। सौभाग्य से, बचाव दल द्वारा समय पर हस्तक्षेप करने से एक बड़ी त्रासदी टल गई।
पथ का यह भाग तीर्थयात्रियों के लिए सबसे पुराने और सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले मार्गों में से एक है, जहाँ से प्रतिदिन हजारों लोग गुजरते हैं। इस घटना के बाद, मार्ग पर आवाजाही अस्थायी रूप से रोक दी गई है।