-ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था पर विशेष बल
-निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ को दिया जायेगा प्रशिक्षण
-बिना कोविड नियंत्रण प्रशिक्षण एवं सुरक्षा उपाय के इमरजेन्सी सेवाओं को संचालन की अनुमति नहीं
-एमबीबीएस व नर्सिंग कोर्स के फाइनल छात्रों को ट्रेनिंग देकर लिये जायेंगे चिकित्सा सम्बन्धी कार्य
-अब तक 31,939 ई-कंटेन्ट तैयार कर 2.29 लाख छात्र कनेक्ट, उच्च शिक्षा 80328 विद्यार्थी शामिल
-20 अप्रैल से बड़े निर्माण कार्यों में सड़क, एक्सप्रेस-वे, हाईवे, मेडिकल कॉलेज का निर्माण
-पेट्रोल पम्प, सीएनजी, एलपीजी तथा पीएनजी आउटलेट्स खोले जाने के निर्देश
-कार्यालयों में कम स्टाफ से कार्य करायें
-कोषागार खोले जाने के निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, चिकित्सा, नर्सिंग, पैरामेडिकल आदि की शिक्षा में आॅनलाइन पढ़ाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित और वृहद रूप दिया जाए, जिससे लॉक डाउन के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़े।
मुख्यमंत्री बुधवार को अपने सरकारी आवास पर बुलायी गयी एक उच्च स्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अब तक 31,939 ई-कन्टेन्ट तैयार कर 2.29 लाख छात्रों को कनेक्ट किया है। अब तक 75,921 ऑनलाइन क्लासेज सम्पादित हुईं तथा 5,546 फैकेल्टी ने भाग लिया। प्रतिदिन औसतन 80,328 विद्यार्थी ऑनलाइन क्लासेज में सम्मिलित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा में भी ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रारम्भ हो चुका है। 2,736 घण्टे का ई-कन्टेन्ट तैयार किया गया है। लगभग 9,000 शिक्षक ऑनलाइन टीचिंग प्रक्रिया से जुड़े हैं। बी-टेक, एमसीए, एमबीए, बीआर्क तथा बीफार्मा के 2,06,305 विद्यार्थीगण ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आईटीआई के सभी 70 सेक्टर्स के सभी कोर्स ई-लर्निंग प्लेटफार्म पर 5 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों की जानकारी देते हुए लोकभवन में पत्रकारों को बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न चिकित्सालयों में इमरजेन्सी सेवाओं के संचालन की अनुमति दी जायेगी। निजी मेडिकल कॉलेज तथा निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिना कोविड नियंत्रण प्रशिक्षण एवं सुरक्षा उपाय के इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन नहीं किया जाएगा। जिन चिकित्सा संस्थानों में स्टाफ की संक्रमण से सुरक्षा के सभी प्रबन्ध उपलब्ध होंगे और डॉक्टरों सहित सभी चिकित्साकर्मी प्रशिक्षित होंगे, वहीं इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन अनुमन्य होगा।
इमरजेन्सी सेवाओं के संचालन के लिए चिकित्सालयों को दो श्रेणी में वर्गीकृत किया जाएगा। कोविड केयर अस्पताल तथा नॉन कोविड केयर अस्पताल। नॉन कोविड केयर अस्पतालों में शेष रोगों से सम्बन्धित इमरजेन्सी उपचार सुविधा उपलब्ध होगी। एमबीबीएस तथा नर्सिंग कोर्स के फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देकर चिकित्सा सम्बन्धी कार्य लिये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
अवस्थी ने बताया कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशो के क्रम में कतिपय शर्तों के अधीन आगामी 20 अप्रैल से बड़े निर्माण कार्य प्रारम्भ किए जाने की अनुमति दी जायेगी। इन परियोजनाओं में सड़क, एक्सप्रेस-वे, हाईवे, मेडिकल कॉलेज का निर्माण तथा बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। इन परियोजनाओं से जुड़े इन्जीनियर्स तथा श्रमिकों की चिकित्सीय जांच कराकर सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन सुनिश्चित करते हुए निर्माण कार्य की अनुमति होगी। इनके रहने, खाने-पीने की व्यवस्था कार्य स्थल पर ही करनी होगी। ऐसी औद्योगिक इकाइयां जो इन्टीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स में अर्थात चहार दीवारी के अन्दर स्थित हैं तथा उनके टेक्निकल व अन्य कर्मचारी साइट पर उपलब्ध हैं, को सोशल डिस्टैन्सिंग के पालन के साथ संचालित किए जाने की अनुमति होगी।
कर्मचारी तथा अधिकारियों को लाने के लिए विशेष बस लगायी जाएगी, जिसमें सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंक यथावत बैंकिग समय के अनुसार कार्यशील रहेंगे। स्टाम्प एवं रजिस्ट्री का कार्य कुछ शर्तों के साथ प्रारम्भ किया गया है। कार्यालयों में न्यूनतम आवश्यक स्टाफ के द्वारा कार्य सम्पादित किये जाने तथा जिला प्रशासन एवं उनके अधीन कोषागार खोले जाने के निर्देश जारी किये जा रहे हैं। सभी पेट्रोल पम्प, सीएनजी, एलपीजी तथा पीएनजी के आउटलेट्स खोले जाएं। सभी मण्डियां व क्रय केन्द्र खुले रहेंगे। पशु चिकित्सालय भी खोले जाने के लिए निर्देश दिये गये हैं।