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सैंपलिंग, टेस्टिंग व इलाज के लिए भेजी जाएं जिलों में एक्सपर्ट टीम
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मरीज़ों की मृत्यु दर की हो विस्तृत समीक्षा
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सांस्कृतिक व सार्वजनिक कार्यक्रमों में बरती जाये विशेष सावधानी
लखनऊ। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने सोमवार को कहा कि जिन जिलों में पाॅजिटीविटी रेट ज़्यादा है, उन जिलों में विशेष ध्यान दिया जाये और टेस्टिंग की संख्या बढ़ायी जाये। कोविड-19 की सैम्पलिंग करते समय तय गाइडलाइन्स का पालन किया जाये, ताकि कोई भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति जांच में छूटने न पाये।
कोरोना संक्रमण के संबंध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि कोविड-19 की सैंपलिंग, टेस्टिंग, कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग, बचाव एवं इलाज की व्यवस्था और संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर की विस्तृत समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने सैंपलिंग, टेस्टिंग, कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग, बचाव और इलाज की व्यवस्था को और ज़्यादा मज़बूत बनाने के निर्देश दिये हैं।
तिवारी ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जिलों में एक्सपर्ट की टीम भेजकर सैंपलिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण में लगातार गिरावट आ रही है, यह समय और ज़्यादा सावधान रहने का है।
उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक और सार्वजनिक आयोजनों में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिये विशेष सावधानी बरती जाये। कोविड-19 के प्रोटोकाॅल, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग आदि का कड़ाई अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, वहां फुटेज और जहां कैमरे स्थापित नहीं हैं, ऐसे भीड़भाड़ वाले इलाकों की माॅनीटरिंग वीडियोग्राफी कराकर की जाये। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी की फुटेज व वीडियोग्राफी की रिकार्डिंग से ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जाये जोकि माॅस्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं, और उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये।
उन्होंने कहा कि माॅस्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग की तरफ जन सामान्य को जागरूक करने के लिए भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों और धार्मिक स्थलों के आसपास लाउडस्पीकरों के माध्यम से प्रसारण कराया जाये। इसके अतिरिक्त जन जागरूकता के लिए स्वयंसेवी संगठनों एवं वालंटियर्स की सेवायें भी ली जा सकती हैं।