- सौंपा राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के उपचुनाव वाले जिलों को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सोमवार को सपा के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में हो रहे अपराधों और महिलाओं के खिलाफ हो रही घटनाओं की लेकर धरना-प्रदर्शन किया और राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपा।
सपा ने अपने ज्ञापन में प्रदेश में अनियंत्रित अपराध स्थिति का विवरण देते हुए कहा है कि हर दिन मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं हो रही है। सरकार हर मोर्चे पर विफल है। लोकतंत्र की हत्या हो रही है। प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति है। विकास रुका पड़ा है। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। राज्यपाल से आशा की गयी है कि वे अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करेंगी।
राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति अत्यंत गम्भीर है। हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार की घटनाएं रोज ही घट रही है और प्रदेश की भाजपा सरकार इस पर नियंत्रण पाने में पूरी तरह से विफल है। प्रदेश में बेलगाम अपराध और बेखौफ अपराधी सत्ता संरक्षण में पल रहे हैं। जनता अपने को असुरक्षित मान रही है। चारों तरफ भय और आतंक का माहौल है।
ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा राज में सबसे ज़्यादा असुरक्षित महिलाएं एवं बच्चियां है। महिलाओं के साथ 2017 में 56,011, 2018 में 59,445 और 2019 में 59,853 अपराध हुए हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार पूरे भारत में अपराधों के सापेक्ष 14.3 प्रतिशत अपराध संख्या उत्तर प्रदेश में होने से उसे अपराधों के मामले में प्रथम स्थान प्राप्त होता है।
ध्वस्त कानून व्यवस्था का आलम तो यह है कि बलिया में 15 अक्टूबर को दिनदहाड़े राशन दूकान के आवंटन की पंचायत में हुए विवाद में भाजपा नेता ने एक युवक को गोली मार दी। इस समय एसडीएम और सीओ भी मौजूद थे। पुलिस की पकड़ में आने के बाद भी आरोपी को भाग जाने दिया गया। बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं से सभी लोग विचलित हैं। प्रदेश में किसी भी अपराधी को अपराध करने में जरा भी संकोच या शर्म नहीं होती है क्योंकि उसे सजा का संरक्षण मिलने का भरोसा होता है।
सपा की तरफ से कहा गया है कि कैसी विडम्बना है कि भाजपा सरकार दलितों, वंचितों और समाज के कमजोर वर्गों के हितों की पूरी तरह से अनदेखी कर रही है। हाथरस में दलित बेटी के साथ दुष्कर्म और उसकी नृशंस हत्या के बाद आधी रात को पुलिस ने उसका शव जला दिया। पुलिस-प्रशासन का यह रवैया भी अत्यंत शर्मनाक रहा है। कई किशोरियों ने रेप की घटनाओं के बाद ग्लानि में आत्मदाह कर जान दे दी। पुलिस की लीपापोती और अपराधियों को सŸाा द्वारा संरक्षण से कानून मानने वाले नागरिक विचलित हैं।
सपा ने आरोप लगाया है कि निश्चित रूप से प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति है। सत्तारूढ़ सरकार ध्वस्त कानून व्यवस्था को सम्हालने में पूरी तरह विफल है। इन स्थितियों में गम्भीर प्रश्न है कि जनधन की सुरक्षा मिलेगी या नहीं? जनता की सुरक्षा का क्या होगा? प्रदेश में संवैधानिक मर्यादा का पालन होगा या नहीं?