सोनभद्र नरसंहार: उम्भा में पीड़ित परिवारों से मिलीं प्रियंका

सोनभद्र: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उम्भा गांव आने का अपना वायदा पूरा करते हुए पिछले महीने नरसंहार का शिकार हुए दस आदिवासियों के पीड़ित परिवार वालों से मंगलवार को मुलाकात की और उनकी भूमि वापस दिलाने में पूरी तरह डटकर साथ खड़े रहने का आाश्वासन दिया। प्रियंका को पिछले महीने उम्भा में हुए नरसंहार के तुरंत बाद प्रशासन ने वहां जाने से रोक दिया था। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने हालांकि प्रियंका के दौरे को राजनीतिक स्टंट करार दिया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी टवीट कर कहा कि सपा और कांग्रेस को घड़ियाली आंसू बहाने की बजाय आदिवासियों की जमीन वापस दिलवाने में मदद करनी चाहिए। वाराणसी हवाई अड्डे पर उतरने के बाद प्रियंका सीधे उम्भा के लिए रवाना हो गईं। उन्होंने गांव के लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी भूमि मिलने तक वह उनके साथ डटकर खड़ी रहेंगी।

 

उन्होंने कहा, इन लोगों को जब तक जमीन वापस नहीं मिल जाती, हम इनके साथ खड़े रहेंगे। कांग्रेस नेता ने मीडिया से बातचीत के दौरान आरोप लगाया, प्रशासन और सरकार अभी भी इनका उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि सभी फर्जी मामले वापस लिए जाएं। प्रियंका ने क्षेत्र के भूमिहीन लोगों को भूमि देने के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं शिक्षा की उचित सुविधाएं देने की मांग की। प्रियंका से आदिवासी महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में बातचीत की। वह खेतों के बीच बनी मेड़ से होकर गांव पहुंचीं क्योंकि भारी बारिश के कारण खेतों में पानी भरा हुआ था। कांग्रेस महासचिव ने स्थानीय आदिवासियों से मुलाकात के दौरान उनके कल्याण से जुड़ी जानकारी हासिल की और सरकार की ओर से उठाए गए कदम विशेषकर नरसंहार के बाद उठाए गए कदमों पर चर्चा की।

 

नरसंहार के तुरंत बाद वाराणसी के एक अस्पताल में घायलों को देखने गईं प्रियंका ने वहां मिली एक महिला को देखते ही पहचान लिया। उन्होंने महिला से उसके परिवार वालों की सेहत के बारे में पूछा। अधिवक्ता नित्यानंद द्विवेदी के मुताबिक प्रियंका नरसंहार वाली जगह भी गईं, जो गांव से तीन किलोमीटर की दूरी पर है। उनके साथ वाहन पर दो महिलाएं साथ गईं। प्रियंका ने वहां उनसे पूरी घटना का ब्यौरा लिया। प्रियंका ने अधिवक्ता द्विवेदी से भी बात की। द्विवेदी पीड़ित परिवारों और मुख्य याचिकाकर्ता रामराज गोण्ड की ओर से मुकदमा लड़ रहे हैं। प्रियंका ने उन्हें दिल्ली बुलाया ताकि इस मसले पर चर्चा कर भावी रणनीति तय की जा सके।

 

उल्लेखनीय है कि सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र स्थित इलाके में 17 जुलाई को एक भूखंड को लेकर हुए संघर्ष में 10 ग्रामीणों की हत्या कर दी गई थी और 28 अन्य घायल हो गए थे। मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने 19 जुलाई को जा रहीं प्रियंका को मिर्जापुर जिला प्रशासन ने बीच में ही रोक लिया था। उनके धरने पर बैठने पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। बाद में उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया था। अगली सुबह गोलीकांड के पीड़ित कुछ परिवारों ने गेस्ट हाउस आकर प्रियंका से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के मंत्रियों ने इसे प्रियंका का राजनीतिक स्टंट करार देते हुए उभ्भा कांड के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया था।

 

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