लखनऊ। नोएडा ट्विन टावर प्रकरण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त हैं। उनके निर्देश पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति (एसआईटी) गठित कर दी गयी है। इसमें अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह, एडीजी मेरठ जोन राजीव सब्बरवाल तथा मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक अनूप कुमार श्रीवास्तव को सदस्य बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने टीम से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार सुबह ही मामले की जांच के लिए शासन स्तर पर एसआईटी गठित करने के दिए निर्देश दिये थे। उन्होंने 2004 से 2017 तक इस प्रकरण से जुड़े रहे प्राधिकरण के अफसरों की सूची बनाकर जवाबदेही तय करने के भी निर्देश दिये थे। इसके बाद एसआईटी टीम गठित कर दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मनमानी करने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई भी होगी। नोएडा के सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट मामले में बिल्डर के साथ मिलीभगत करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने मामले में नोएडा विकास प्राधिकरण समेत विभिन्न विभागों के कार्मिकों की भूमिका की गहन जांच के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अक्षरश: अनुपालन कराये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी के हितों से खिलवाड़ करने वाला एक भी दोषी न बचे, इसके लिए विशेष समिति गठित कर जांच कराने का निर्णय किया गया है।
गौरतलब है कि इस प्रकरण में पूर्व में सुनवाई के समय सभी तथ्यों से उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं कराने जाने के कारण नोएडा के तत्कालीन प्रबंधक नियोजन मुकेश गोयल को बुधवार को ही निलंबित कर दिया गया था। नियोजन विभाग के अन्य दोषी कर्मियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को सुपरटेक के ट्विन टावर्स को गिराने के आदेश दिये थे। ये दोनों ही टावर 40-40 मंजिला हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये टावर नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक की मिलीभगत से बने थे।