यरुशलम। इजराइल-हमास युद्ध के कारण दो महीने के अंतराल के बाद यहां की एक जिला अदालत प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई मंगलवार से फिर शुरू करेगी। हमास की ओर से सात अक्टबूर को हमले शुरू किए जाने के बाद, इजराइल गाज़ा पट्टी पर जबर्दस्त हमले कर रहा है।
तथाकथित केस 4000 या बेजके-वल्ला घूसखोरी मामले के तहत, नेतन्याहू ने वल्ला वेबसाइट पर अपने पक्ष में मीडिया कवरेज के बदले कथित रूप से ऐसे नियामक कदम उठाए जिससे बेजेक टेलीकॉम्यूनिकेशन्स को आर्थिक लाभ हुआ। वल्ला वेबसाइट का मालिकाना हक पहले बेजेक के पास था।
यरुशलम जिला अदालत 74 वर्षीय नेतन्याहू के भ्रष्टाचार मामले पर मंगलवार को सुनवाई फिर से शुरू करेगी। जून में, मामले में तीन न्यायाधीशों ने सिफारिश की थी कि अभियोजन पक्ष रिश्वतखोरी का आरोप वापस ले ले। मगर अभियोजन पक्ष ने आरोप वापस लेने से इनकार करते हुए मुकदमा जारी रखने का फैसला किया, जिसके बाद अदालत ने संबंधित लोगों की गवाही सुनी।
रिश्वतखोरी के मामले की पिछली सुनवाई 20 सितंबर को हुई थी जिसके बाद अदालत ने मुकदमे को छट्टियों के बाद के लिए स्थगित कर दिया था, लेकिन सात अक्टूबर को हमास के इजराइल पर हमले और फिर शुरू हुई जंग के कारण मामले की सुनवाई स्थगित रही। इसके बाद अदालतें सिर्फ अति आवश्यक मामलों की सुनवाई कर रही थी और नेतन्याहू का मामला अति आवश्यक नहीं माना गया।
पिछले हफ्ते न्यायमूर्ति यारिव लेविन ने अदालतों का सामान्य संचालन फिर से शुरू करने की इजाजत दे दी थी। नेतन्याहू को अदालत में उपस्थित होने से छूट दी गई है, लेकिन उन्हें कुछ महीनों में गवाही देने के लिए अदालत में पेश होना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोपों में भी मामले दर्ज हैं।