लखनऊ। सरकारी और गैर सरकारी उपक्रमों के औद्योगिक उत्पादन की लागत में कमी लाने के उद्देश्य से सिटी लॉजिस्टिक्स नीति बनाए जाने की तैयारी है। केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की ओर से इसके लिए योजना तैयार की जा रही है। उत्तर प्रदेश के सात शहरों को लॉजिस्टिक्स नीति से जोड़ा जायेगा। लखनऊ समेत प्रदेश के सात शहरों का चयन इस योजना के लिए किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों की ओर से उत्पादित सामानों की लागत मूल्य में कमी लाना है। दूसरे शहरों के लिए उसे मॉडल के तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा।
लॉजिस्टिक्स की सुविधा के लिए राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की रैकिंग के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से विभिन्न राज्यों में चल रहे लॉजिस्टिक्स ईज एक्रास डिफ्रेंट 2021 का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इस सर्वेक्षण के भाग के रूप में राज्यों को कुछ सवालों के उत्तर देने हैं। इस फे्रेम वर्क के लिए राज्य को सिटी लॉजिस्टिक्स योजना बनायी जाएगी। इसके लिए राज्य में सिटी लॉजिस्टिक्स समन्वय समिति का गठन किया गया है। आवास एवं शहरी विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की ओर से मंडलायुक्त की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के दिशा निर्र्देशों के अंतर्गत आगरा, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, गाजियाबाद और मेरठ में व्यापक शहरी लॉजिस्टिक्स योजना तैयार की जाएगी। समन्वय समिति में संबंधित शहर के मंडलायुक्त अध्यक्ष होंगे, जबकि सह अध्यक्ष व सदस्य के तौर पर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष होंगे। समिति के अन्य सदस्यों में जिलाधिकारी, सम्भागीय परिवहन अधिकारी, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी, प्रवर्तन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक यातायात, संयुक्त आयुक्त, उद्योग, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र का सदस्य नामित किया गया है। सिटी लॉजिस्टिक्स प्लान तैयार करने के लिए संबंधित शहरों के विकास प्राधिकरण नोडल एजेंसी होंगे। इस समिति के अलावा स्टेट लेवल कमेटी भी बनायी गयी है। प्लान तैयार करने के लिए संबंधित विभाग कार्ययोजना तैयार करने में सहयोग प्रदान करेंगे। आवास विभाग की ओर से समिति के क्रियान्वयन को लेकर दिशा निर्देश भी जारी किए हैं।